सरकारी स्कूलों में कार्यरत कंप्यूटर शिक्षकों की राज्य स्तरीय मीटिंग हुई। इसकी अध्यक्षता कंप्यूटर शिक्षक वेलफेयर एसोसिएशन के प्रधान बलराम धीमान ने की। कई महीने से वेतन न मिलने, जबरदस्ती सिक्योरिटी काटने, निजी कंपनियों द्वारा मानसिक और शारीरिक शोषण से तंग होकर निर्णय लिया है कि 18 मई को शिक्षक अपने विधानसभा क्षेत्र में विधायकों को अपनी मांगों को लेकर ज्ञापन देंगे।
सरकार द्वारा कंप्यूटर शिक्षा प्रदान करने के लिए आइसीटी प्रोजेक्ट के अंर्तगत तीन हजार कंप्यूटर शिक्षकों की नियुक्ति कांट्रेक्ट के आधार पर तीन कंपनियों द्वारा की गई थी। सभी कंप्यूटर शिक्षक शिक्षा विभाग के सेवा नियम अप्रैल 2012 के अनुसार पीजीटी कंप्यूटर साइंस की योग्यता को पूरा करते हैं। पीजीटी योग्यता को पूरा करने के बावजूद जब से कंप्यूटर शिक्षकों की नियुक्ति हुई है तब से इन शिक्षकों का शोषण किया जा रहा है। शिक्षकों ने आरोप लगाया कि पहले कंपनियों ने ज्वाइनिंग करवाने हेतु अवैध सिक्योरिटी फीस 24 हजार रुपये लिए। शिक्षकों से पैसे लेने के बाद उन्हें स्कूल में ज्वाइन करवाया। शिक्षा विभाग के द्वारा 6 महीने का वेतन कम्पनियों को देने के पश्चात भी शिक्षकों का वेतन कई महीने से रोके हुए है। इससे पहले भी कम्प्यूटर शिक्षक अपनी मांगों को लेकर शिक्षा मंत्री व मुख्यमंत्री को मांग पत्र दे चुके हैं।
कम्प्यूटर शिक्षकों ने शिक्षा विभाग के अधीन करने हेतु 25 फरवरी 2014 से 5 मार्च 2014 तक शिक्षा विभाग पंचकूला में आमरण अनशन और धरना प्रदर्शन भी किया था। फिर भी अभी तक सरकार की तरफ से सकारात्मक कदम नहीं उठाया है। djhsr
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