** विज्ञान एवं प्रौद्योगिक मंत्रालय ने सभी जिला विज्ञान अधिकारियों को निर्देश जारी किए
** विज्ञान मॉडल प्रदर्शनी प्रतिवर्ष अगस्त माह में आयोजित होती है
शिक्षकों की नहीं अब बाल वैज्ञानिकों की विज्ञान मॉडल प्रदर्शनी में मनमर्जी चलेगी। विज्ञान प्रदर्शनी में भाग लेने वाले विद्यार्थियों को ऑनलाइन आवेदन करना होगा। विज्ञान एवम प्रोद्योगिक मंत्रालय नई दिल्ली ने सभी जिला विज्ञान अधिकारियों को इस संदर्भ में निर्देश जारी किए हैं। बता दें कि विद्यार्थियों में वैज्ञानिक दृष्टिकोण पैदा करने के लिए इंस्पायर अवार्ड विज्ञान मॉडल प्रदर्शनी का आयोजन वर्ष 2010 में शुरू किया गया।
प्रदर्शनी में भाग लेने वाले विद्यार्थी को मॉडल तैयार करने के लिए विज्ञान एवम प्रोद्योगिक मंत्रालय की ओर से पांच हजार की राशि मिलती है। इस राशि से मॉडल तैयार कर बाल वैज्ञानिक प्रदर्शनी में लेकर आना होता है। जिला स्तरीय विज्ञान मॉडल प्रदर्शनी प्रतिवर्ष अगस्त माह में आयोजित की जाती है।
शिक्षकों की चलती थी मनमर्जी
विज्ञान प्रदर्शनी में पहले शिक्षक विद्यार्थी की रूचि के हिसाब से भाग लेने नहीं देते थे। शिक्षक अपनी मर्जी से ही विद्यार्थी का चुनाव कर भेज देते थे। जिसके कारण प्रतिभाशाली विद्यार्थी भाग लेने से वंचित रह जाते थे। वहीं शिक्षक विद्यार्थियों से मॉडल तैयार न करवाकर बाजार से खरीदकर दे देते थे। यहां भी शिक्षक गड़बड़ी कर देते थे। मंत्रालय से मॉडल तैयार करने के लिए पांच हजार रुपये की राशि खर्च करनी होती है। जिससे मॉडल में लगने वाले उपकरण पर खर्च किया जाता है। मगर शिक्षक बाजार से पांच सौ से दो हजार रुपये का मॉडल लेते थे। बस उनको तैयार करने का ठप्पा बाल वैज्ञानिकों के नाम जरूर लगा देते थे। जो मॉडल दर्शाए जाते उनके बारे में आधारभूत जानकारी तक भी विद्यार्थियों को नहीं होती है। जिसके कारण राष्ट्रीय स्तर पर बहुत ही कम मॉडल पहुंच पाते थे।
ये मॉडल तैयार करने होते हैं
विज्ञान प्रदर्शनी में भाग लेने वाले बाल वैज्ञानिकों को विज्ञान में नये अविष्कार के बारे में, जल संरक्षण, वाटर ट्रीटमेंट प्लाट, ऊर्जा, पवन चक्की, भूमि संरक्षण, पहाड़ी क्षेत्र में होने दुर्घटनाओं को रोकने के लिए व अन्य मॉडल तैयार करने होते हैं। जिला विज्ञान अधिकारी ज्ञान चावला ने कहा कि इंस्पायर विज्ञान मॉडल प्रदर्शनी में बॉल वैज्ञानिकों को ऑनलाइन आवेदन करना होगा। इससे मॉडल तैयार में किसी तरह की कोई गड़बड़ी नहीं हो पाएगी।
मॉडल का देना होगा पहले नाम
विज्ञान प्रदर्शनी में भाग लेने वाले बाल वैज्ञानिकों को ऑनलाइन आवेदन करना होगा। इसके लिए विज्ञान एवम प्रोद्योगिक मंत्रालय जिला स्तर पर साइट तैयार करके देगा। जिसमें बाल वैज्ञानिकों को अपने यूनिक मॉडल का नाम व इसका कार्य व समीक्षा भी देनी होगी। इसके बाद हार्ड कॉपी जमा करवानी होगी। इसके बाद विभाग भाग लेने वाले विद्यार्थियों की लिस्ट व डेट जारी करेगा।
प्रौद्योगिक मंत्रालय करेगा चुनाव
जिला विज्ञान अधिकारी ज्ञान चावला ने कहा कि इंस्पायर विज्ञान मॉडल प्रदर्शनी में बाल वैज्ञानिकों को ऑनलाइन आवेदन करना होगा। इसके बाद विज्ञान एवम प्रोद्योगिक मंत्रालय नई दिल्ली द्वारा ही चयन किया जाएगा। इसमें 200 मॉडल जिला स्तर पर चयनीत होंगे। जो प्रदर्शनी में भाग लेंगे। इससे मॉडल तैयार में किसी तरह की कोई गड़बड़ी नहीं हो पाएगी। पहले शिक्षक अपनी मर्जी से विद्यार्थी का चुनाव कर प्रदर्शनी में भाग लेने भेज देते थे। dbsrs
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