ग्रामीण क्षेत्र में शिक्षा की अलख लगा रहे प्रेरक शिक्षकों का वेतन भुगतान पिछले दस माह से बजट के फेर में उलझा हुआ है। हर माह वेतन भुगतान के लिए अधिकारियों की ओर टकटकी लगाए बैठे ये प्रेरक शिक्षक अब भुखमरी की कगार पर है। मात्र दो हजार रुपये प्रति माह मेहनताना पर ग्रामीण आबादी को शिक्षा का सबक सिखाने वाले अब खुद ही आर्थिक तंगी के दौर से गुजर रहे हैं। भिवानी जिला में करीब एक हजार प्रेरक शिक्षक नियुक्त किए हुए हैं। हरियाणा सरकार द्वारा 13 अगस्त 2002 को प्रत्येक गांव में दो-दो प्रेरक शिक्षकों की नियुक्ति की गई थी। शिक्षकों को केवल मार्च 2013 तक वेतन भुगतान किया गया है।
इसके बाद इनके मेहनताने पर बजट की मार भारी पड़ रही है। अधिकारी बजट नहीं आने का राग अलाप रहे हैं, जबकि प्रेरक शिक्षक बिना वेतन के ही लोगों को जागरूक करने में जुटे हैं। प्रेरक शिक्षक संघ के संयोजक भगवत कौशिक, ममता धनाना, संजय कौरिया व प्रवीण सिरसा ने कहा कि मात्र दो हजार रुपये के मेहनताने पर शिक्षक प्रेरक अपना काम कर रहे हैं, जबकि अकुशल मजदूर भी प्रतिमाह 8100 रुपये लेता है।
उन्होंने बताया कि उनके वेतन का भुगतान विभाग द्वारा जल्द नहीं किया गया तो आंदोलन करेंगे। उन्होंने सभी प्रेरक शिक्षकों को सोमवार सुबह 10 बजे बीडीपीओ कार्यालय के समक्ष पहुंचने का आह्वान किया है।
नहीं आया बजट
साक्षर भारत मिशन के जिला समन्वयक राजेश शर्मा ने बताया कि प्रेरक शिक्षकों के वेतन का बजट नहीं आया है। तीन माह के बजट की मांग की हुई है। जबकि दस माह का वेतन भुगतान बाकी है। dbbhwn
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