चंडीगढ़ : हरियाणा के प्राथमिक शिक्षकों के मुखियाओं की शक्तियां वापस ले ली गई हैं। फंडों एवं अन्य वित्तीय संसाधनों का इस्तेमाल अब प्राथमिक स्कूलों के मुख्य शिक्षक नहीं कर सकेंगे। प्रदेश के मिडल स्कूलों के मुखियाओं को ये अधिकार दिए जाने के बाद प्राथमिक स्कूलों के मुखियाओं की पावर घट गई है। हालांकि प्राथमिक शिक्षकों ने सरकार के इस फैसले पर नाराजगी जताते हुए शक्तियों को यथावत रखने को कहा है, ऐसा न होने पर आंदोलन किया जाएगा।
एक हफ्ते पहले जारी किये आदेश
प्रदेश के शिक्षा विभाग की ओर से सप्ताहभर पहले ही आदेश जारी कर फंडों एवं वित्तीय संसाधनों के इस्तेमाल के अधिकार मिडल हेड को दिए गए हैं। सेकंडरी स्कूल शिक्षा विभाग के महानिदेशक अपने तबादले से ठीक पहले ये आदेश जारी करके गए थे। इन आदेशों के बाद प्रदेशभर में 5500 मिडल स्कूलों के मुखियाओं को वित्तीय अधिकार मिल गए थे।
इस बीच राजकीय प्राथमिक शिक्षक संघ, हरियाणा का कहना है कि इससे प्राथमिक स्कूल प्रभावित हुए हैं। संघ के प्रदेशाध्यक्ष विनोद ठाकरान, महासचिव दीपक गोस्वामी तथा कोषाध्यक्ष राजेश खर्ब ने इस मामले को लेकर शिक्षा विभाग को पत्र भी लिखा है। पत्र में संघ ने प्राथमिक स्कूलों में मुख्य शिक्षकों की शक्तियों को यथावत रखने की मांग की है। ऐसा नहीं करने पर सरकार के खिलाफ आंदोलन चलाने की चेतावनी भी संघ की ओर से दी गई है।
यह है मामला
दरअसल, प्राथमिक स्कूलों में 150 बच्चे होने पर एक मुख्य शिक्षक के पद का प्रावधान किया गया है। वर्तमान में राज्य में 2700 से अधिक प्राथमिक स्कूल ऐसे हैं, जहां मुख्य शिक्षकों के पद रिक्त हैं। संघ का कहना है कि प्राथमिक स्कूल, मिडल स्कूलों से अलग हैं। ऐसे में मिडल हेड को जो अधिकार दिए गए हैं, उनसे संघ को कोई दिक्कत नहीं है लेकिन प्राथमिक स्कूलों के मुखियाओं के अधिकारों का हनन सहन नहीं किया जाएगा dt
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