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Friday, 9 May 2014

रेशनेलाइजेशन प्रक्रिया के पेंच में फंसी पीजीटी की नियुक्ति

** शिक्षा विभाग नियुक्ति पत्र देने के बजाए लगा रहा बेतुकी आपत्तियां
** चयनित उम्मीदवारों ने सीएम के प्रधान ओएसडी से मिलकर रोया दुखड़ा
चंडीगढ़ : हिंदी विषय के चयनित पीजीटी (पुरुष उम्मीदवारों) की दुश्वारियां कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। नियुक्ति पत्र पाने के लिए 20 दिन से शिक्षा निदेशालय के बाहर डेरा डाले पीजीटी का इंतजार लंबा ही होता जा रहा है। शिक्षा विभाग के अधिकारियों की कलम के आगे शिक्षा मंत्री गीता भुक्कल की भी नहीं चल रही है। शिक्षा मंत्री पीजीटी को बीते सप्ताह ही नियुक्ति पत्र मिलने के लिए आश्वस्त कर चुकी थीं, लेकिन विभागीय अधिकारियों ने उनके निर्देशों को भी तवज्जो नहीं दी।   
593 पीजीटी की नियुक्ति का मामला पहले चुनाव आचार संहिता के फेर में फंसाया गया। वहां से राहत मिली और नियुक्ति पत्र मिलने की आस जगी तो शिक्षा विभाग ने रेशनेलाइजेशन प्रक्रिया का पेंच फंसा दिया। उच्च अधिकारियों का तर्क था कि रेशनेलाइजेशन की प्रक्रिया पूरी होने तक इन्हें नियुक्ति पत्र न दिए जाएं। इससे मामला और लटक गया। प्रधान सचिव शिक्षा ने भी नियुक्ति की फाइल यह आपत्ति लगाकर निदेशालय को लौटा दी। इसकी जानकारी मिलने पर पीजीटी ने शिक्षा मंत्री गीता भुक्कल से आपत्ति हटवाने की गुहार लगाई। उन्होंने प्रधान सचिव शिक्षा को सख्त निर्देश दिए कि पीजीटी को बेवजह परेशान न किया जाए, इनकी फाइल आपत्तियां हटाकर जल्द क्लीयर करें। बावजूद अभी तक मामला अधर में अटका हुआ है। वीरवार को पीजीटी एक बार फिर शिक्षा मंत्री से मिलने पहुंचे थे, मगर मुलाकात नहीं हो पाई। इसके बाद चयनित उम्मीदवारों के प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यमंत्री भूपेंद्र हुड्डा के प्रधान ओएसडी एमएस चोपड़ा से मिलकर अपनी पूरी व्यथा सुनाई। उन्होंने बताया कि सेकेंडरी शिक्षा विभाग के महानिदेशक विवेक अत्रे से उनकी बात हुई है। शिक्षा निदेशालय ने उनकी फाइल पर लगी रेशनेलाइजेशन की आपत्ति हटा दी है। फाइल दोबारा से प्रधान सचिव स्कूली शिक्षा को मंजूरी के लिए भेजी गई है। उम्मीद है अगले हफ्ते तक नियुक्ति पत्र मिल जाएंगे। पीजीटी तिलक राज, संजय व संजीव जिंदल का कहना है कि वे 19 अप्रैल से शिक्षा निदेशालय के बाहर नियुक्ति पत्र के लिए जमे हुए हैं, मगर विभागीय अधिकारी उनके मामले को सुलझाने के बजाए उलझा रहे हैं। जल्द नियुक्ति पत्र नहीं मिले तो उन्हें फिर से भूख हड़ताल पर बैठना पड़ेगा।                                                                 dj

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