.

.

Breaking News

News Update:

How To Create a Website

Monday, 5 May 2014

डाक के बहाने फरलो नहीं मार सकेंगे गुरुजी

** विभाग का फरमान : ईमेल से देनी होंगी सूचनाएं, कंप्यूटर व इंटरनेट से वंचित स्थानों पर लगेगा समय 
सरकारी स्कूलों में कार्यरत अध्यापक अब जिला मुख्यालय पर पत्राचार का बहाना बनाकर बंक नहीं मार सकेंगे। विभाग ने सभी स्कूल मुखियाओं को अपना ई-मेल आईडी बनाकर उसी के माध्यम से ही पत्राचार करने के आदेश जारी किए हैं। इसे शिक्षा विभाग का हाईटेक होना कहें या फिर ऐसे अध्यापकों के बंक पर पाबंदी, जो जिला मुख्यालय पर पत्राचार के बहाने अवकाश ग्रहण करते हैं। कारण चाहे कुछ भी हो, लेकिन इतना जरूर है कि अब स्कूल मुखिया या अध्यापक चिट्ठी पत्री पहुंचाने के नाम पर स्कूल से अनुपस्थित नहीं हो सकेंगे। 
विभाग के उच्चाधिकारियों ने फैसला किया है कि विभाग के जिला मुख्यालय से स्कूल मुखियाओं या अध्यापकों तक जो भी संदेश पहुंचाया जाना है या फिर स्कूल मुखियाओं की तरफ से विद्यालय की कोई रिपोर्ट या अन्य कार्रवाई के लिए पत्र लिखना है, वो सब कार्रवाई अब ई-मेल के माध्यम से होगी। इसके अन्य अन्य विभागीय जानकारियां भी मेल के माध्यम से ही दी जाएंगी। शिक्षा विभाग हर संभव प्रयास कर रहा है कि सरकारी स्कूलों में विद्यार्थियों को बेहतर शिक्षा मिले इसी कड़ी में शिक्षा विभाग ने एक और सराहनीय कदम उठाते हुए इस योजना को लागू कर दिया है। 
ऐसे लगेगी अध्यापकों के बंक पर रोक 
विभाग के अधिकारियों का मानना है कि जिला मुख्यालय के जिले के उपमंडल स्तर,ब्लॉक व ग्रामीण क्षेत्रों में स्थित स्कूलों से अध्यापक जिला मुख्यालय पर काम होने या वहां कोई लेटर देने संबंधित रिपोर्ट मूवमेंट रजिस्टर में लिख कर स्कूल से बंक कर जाते हैं। अब इस योजना के लागू होने के बाद औचक निरीक्षण पर रजिस्टर में अध्यापक अनुपस्थित मिलता है और मूवमेंट रजिस्टर में कारण जिला मुख्यालय पर काम होने या लेटर संबंधित रिपोर्ट पाई गई तो अध्यापक के खिलाफ विभागीय कार्रवाई की जाएगी। जिला मुख्यालय पर पत्राचार की व्यवस्था ई मेल से हो जाएगी तो ऐसे अध्यापकों पर रोक लगेगी, इसके साथ स्कूल मुखिया यदि प्रतिदिन अध्यापकों व बच्चों की उपस्थिति के संबंध में रिपोर्ट भेजेंगे तो अध्यापकों के बंक पर अंकुश लगेगा। 
आ चुके हैं विभाग के आदेश 
"विभाग की तरफ से आदेश आ चुके हैं। सभी सरकारी स्कूलों में अब ईमेल के माध्यम से सूचना देनी होगी। इसके अलावा जिन स्कूलों में अभी इंटरनेट व कंप्यूटर की सुविधा नहीं है वहां योजना को लागू होने में थोड़ा समय लगेगा। इससे विद्यार्थियों को सबसे ज्यादा फायदा होगा क्योंकि अगर अध्यापक बंक नहीं कर पाएंगे तो समय पर सिलेबस पूरा हो जाएगा।"--सतबीर सिवाच, जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी                                                    dbbhwn


No comments:

Post a Comment

Note: only a member of this blog may post a comment.