भिवानी : गांव प्रेमपुरा सोंपड़ी स्थित पाठशाला में जेबीटी अध्यापक द्वारा मिड डे मिल व बच्चों के नाम पर वर्दी हड़पने की नियत से एक नहीं दो नहीं पूरे 25 बच्चों का फर्जी दाखिला किए जाने का मामला उजागर हुआ है।
कहने को तो इन बच्चों का दाखिला गांव के सरकारी स्कूल में हुआ है, लेकिन दाखिला होने की खबर खुद बच्चों तक को नहीं है और वह बच्चे प्राइवेट स्कूलों में मंहगी फीस अदा कर शिक्षा ले रहे है, लेकिन घोटालेबाज गुरु, बिना बच्चों के ही कागजों में कक्षाएं लगा कर शिक्षा की अलख जागने में लगे हुए है। घोटाला उजागर होने के बाद मामला पुलिस थाने व शिक्षा विभाग के आला अधिकारियों तक पहुंच चुका है। घोटाले की भनक लगते ही प्राथमिक शिक्षा विभाग अधिकारियों भी नींद उड़ी हुई है। जिले के गांव प्रेमपुरा सांेपड़ी स्थित राजकीय प्राथमिक पाठशाला में जेबीटी अध्यापक द्वारा बच्चों के नाम पर सरकार से मिलने वाले मिड डे मिल सामान, बच्चों की वर्दी व जूते हड़पने के लिए 25 फर्जी बच्चों दाखिले कर डाले, जो सालों स्कूल में कक्षाएं दे रहे हैं, लेकिन आरटीआइ रिपोर्ट में उजागर हुआ है कि इन बच्चों ने कभी इस स्कूल में दाखिला ही नहीं लिया और वह निजी स्कूलों में शिक्षा ग्रहण कर रहे है। आरटीआइ कार्यकर्ता गांव डाडमा निवासी सोमवीर सिंह व एडवोकेट संजय श्योराण द्वारा मांगी गई रिपोर्ट में यह खुलासा हुआ है। आरटीआइ में रिपोर्ट में साफ हुआ कि प्राथमिक पाठशाला के जेबीटी अध्यापक सते सिंह द्वारा वर्ष 2007 से 2013 तक 25 बच्चों के दाखिले रजिस्टर में किए गए हैं, जो कि पूरी तरह से फर्जी हैं। दाखिला रजिस्टर में दिखाए गए बच्चों या उनके अभिभावकों ने न ही कभी इस स्कूल में दाखिला करवाया और न ही ये बच्चे इस स्कूल में कभी आए। ये बच्चे गांव प्रेमपुरा सोंपड़ी के न होकर अन्य गांवों के दिखाए गए है, जबकि हकीकत यह है कि ये बच्चे शुरू से ही प्राइवेट स्कूलों में शिक्षा ग्रहण कर रहे है। dj
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