** निर्णय पर शिक्षकों ने किया विरोध
जींद : इसे रेशनेलाइजेशन का असर मानें या फिर सरकार का डंडा कि विद्यार्थियों की कम संख्या वाले स्कूलों का दूसरे स्कूलों में विलय (मर्ज) किया जाएगा। इसके लिए शिक्षा विभाग ने कवायद शुरू कर दी है।
सरकार के इस निर्णय से जिले के 32 स्कूलों पर मर्ज की गाज गिरेगी, जिसके लिए विभाग ने इन स्कूलों के सरप्लस हुए शिक्षकों को अन्य स्कूलों में एडजस्ट करने के लिए काउंसिलिंग करने के भी निर्देश जारी कर दिए हैं। इसमें स्कूलों के सीनियर शिक्षकों को ही दूसरे स्कूलों में भेजने की तैयारी है। इस कार्रवाई से शिक्षकों में सरकार व विभाग के प्रति रोष है। शिक्षा विभाग द्वारा बुधवार को प्राथमिक शिक्षकों को काउंसिलिंग के लिए जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी कार्यालय में बुलाया गया था। पहले दिन काउंसिलिंग के लिए पहुंचे शिक्षकों ने इसका बहिष्कार कर दिया। शिक्षकों ने कार्यालय परिसर में सरकार व विभाग के खिलाफ नारेबाजी की।
शिक्षा के साथ खिलवाड़
"रेशनेलाइजेशन के नाम पर स्कूलों को मर्ज कर शिक्षकों को सरप्लस करने की कार्रवाई एक तरह से शिक्षा के साथ खिलवाड़ है। इससे कई स्कूल बंद हो जाएंगे, जिससे पढ़ाई पर विपरीत असर पड़ेगा। सरकार शिक्षकों के पदों को खत्म करने में जुटी है, जिसका संघ पूरजोर विरोध करेगा।"--महताब सिंह मलिक, वरिष्ठ उपप्रधान, हरियाणा विद्यालय अध्यापक संघ हरियाणा।
यह लिया है निर्णय
शिक्षा विभाग के मुताबिक सरकार ने यह निर्णय लिया था कि जिन सरकारी स्कूलों में विद्यार्थियों की संख्या 20 से कम है, उन स्कूलों को सेम कैंपस या उसी गांव के दूसरे स्कूल में मर्ज किया जाएगा। शिक्षा विभाग निदेशालय ने निर्णय लिया कि रेशनेलाइजेशन के हिसाब से जो शिक्षक सरप्लस होंगे, उन्हें खाली पड़े पदों पर अन्य स्कूलों में एडजस्ट कर दिया जाएगा। इससे स्कूलों में शिक्षकों की कमी की भी पूर्ति हो सकेगी। मर्ज किए स्कूलों के सीनियर शिक्षकों को दूसरे स्कूलों में स्टेशन दिए जाएंगे।
कहां कितने स्कूल होंगे मर्ज
खंड जींद 11
खंड नरवाना 11
खंड जुलाना 6
खंड उचाना 3
खंड सफीदों 1
खंड अलेवा 1
मर्ज करना न्यायसंगत नहीं
"बिरौली गांव के राजकीय स्कूलों में क्रमश: 114 व 107 बच्चे हैं। फिर भी स्कूल को मर्ज किया जा रहा है, जो न्यायसंगत नहीं है।' -रमेश कुमार, शिक्षिक
शिक्षक : बच्चों को मुसीबत
"जुलाना के दो राजकीय स्कूलों में क्रमश: 115 व 140 विद्यार्थी हैं। फिर भी इनका विलय हो रहा है। इससे शिक्षकों के साथ बच्चों को भी मुसीबत होगी।"--उर्मिला देवी, शिक्षिका db
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