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Wednesday, 11 June 2014

सीबीएसई ने बदला 9वीं से 12वीं तक का कॅरिकुलम

** एकरुपता की कवायद, नए सत्र में देश भर में बदले कॅरिकुलम से होगी परीक्षा, पुराने से पढ़ाई कराने से मनाही
सीबीएसई ने हाई और हायर सेकेंडरी लेवल के कॅरिकुलम में बदलाव किया है। स्कूलों को मार्च 2015 में होने वाली परीक्षा के लिए बदले हुए कॅरिकुलम के साथ पढ़ाई करवाने के निर्देश दिए गए हैं। 
देशभर के स्कूलों के सिलेबस को यूनिफॉर्म करने के उद्देश्य से ये बदलाव किए गए हैं। नया कॅरिकुलम ऑनलाइन करने के साथ ही सीबीएसई के रीजनल कार्यालयों में उपलब्ध करा दिया गया है। सीबीएसई के कक्षा 9वीं लेकर 12वीं तक की पढ़ाई अब बदले हुए कॅरिकुलम यानी पाठ्यक्रम के साथ होगी। सेकेंडरी कॅरिकुलम और सीनियर सेकेंडरी कॅरिकुलम 2015 क्रमश: भाग-1 और भाग-2 नाम से जारी कर दिए गए हैं। 
इसके साथ ही पुराने कॅरिकुलम और किताबों के आधार पर पढ़ाई कराने पर रोक लगा दी गई है। सीबीएसई ने शिक्षाविदों और प्राचार्यों से रायशुमारी के बाद यह फैसला किया है। सभी ने देशभर के कॅरिकुलम को यूनिफॉर्म करने की जरूरत बताई थी। 
"नया कॅरिकुलम लंबी रिसर्च के बाद तैयार किया गया है। निश्चित तौर पर इससे शिक्षा के स्तर में सुधार होगा। यह प्रशंसनीय है।"--नीना खन्ना, प्रिंसिपल आर्मी पब्लिक स्कूल। 
क्या है कॅरिकुलम 
कॅरिकुलम में किसी भी कोर्स का सिलेबस, पाठ्येत्तर गतिविधियां (खेल-कूद, सांस्कृतिक गतिविधियां), प्रोजेक्ट वर्क और छात्रों के मूल्यांकन के लिए तय की गईं अन्य गतिविधियां शामिल होती हैं। इसे 'पाठ्यचर्या' भी कहा जाता है। 
अब हर साल हो रहे बदलाव 
सीबीएसई ने पिछले तीन सालों में हाई और हायर सेकेंडरी लेवल की कक्षाओं के कॅरिकुलम में लगातार बदलाव किए हैं। शिक्षाविदों का मानना है कि ज्यादातर स्कूलों में परंपरागत तरीके से पढ़ाई की परंपरा को खत्म करना इसका उद्देश्य है। न बदलावों से छात्रों में सिलेबस और पढ़ाई को लेकर रोचकता बनी रहती है। 
देशभर के स्कूलों की पढ़ाई में एकरुपता आएगी 
10वीं के हिंदी के कोर्स एक और दो को छोड़कर सभी विषयों के पाठ्यक्रम में बड़ा बदलाव किया गया है। 10वीं में सोशल साइंस में बदलाव हुआ है। इसी तरह कक्षा 12वीं के हिंदी कोर्स एक व दो और अर्थशास्त्र को छोड़कर अंग्रेजी, केमेस्ट्री, हिस्ट्री, जियोग्रॉफी, मॉस मीडिया स्टडीज, पॉलिटिकल साइंस, साइकोलॉजी, ग्राफिक डिजाइन में बदले हुए कॅरिकुलम के साथ पढ़ाई होगी।                                      dbambl

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