हिसार : कच्चे कर्मचारियों को पक्का करने की प्रदेश सरकार की नीति पर हरियाणा कर्मचारी संघ के नेताओं ने सवालिया निशान लगाया है और इसे कच्चे कर्मचारियों के साथ भद्दा मजाक करार दिया है।
अखिल भारतीय कर्मचारी परिसंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष एमएल सहगल, हरियाणा कर्मचारी महासंघ के जिला प्रधान जयभगवान बडाला व महासंघ के जिला चेयरमैन राजपाल नैन ने एक संयुक्त बयान में कहा कि 18 दिन पहले 28 मई को प्रदेश मंत्रिमंडल ने तीन साल की सेवा पूरी कर चुके कच्चे कर्मचारियों की सेवाएं नियमित करने का फैसला लिया था। इसकी त्रुटियों को लेकर महासंघ ने बदलाव की मांग की थी। अब उसी मंत्रिमंडल के सदस्यों ने मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में बैठक करके तीन वर्ष के स्थान पर सेवा अवधि 10 वर्ष कर दी है। तय सीमा 28 मई 2014 के स्थान 31 दिसंबर 2018 कर दी है। यह ईमानदारी से न्यूनतम वेतन से भी कम वेतन पर परिवारों का गुजारा कर रहे हजारों कच्चे कर्मचारियों के साथ भद्दा मजाक है।
ठोस नीति बनाई जाए
कर्मचारी नेताओं ने सरकार से एक बार ही ठोस नीति निर्धारण करने की अपील की। उन्होंने कहा कि तीन वर्ष सेवा पूरी कर चुके सभी प्रकार के कच्चे कर्मचारियों को नियमित कर और इस संबंध में पंजाब आधार पर पदों की स्वीकृति सरकार प्रदान करें। db
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