चंडीगढ़ : लंबे समय से शिक्षा सदन के बाहर धरने पर बैठे नव चयनित पीजीटी के मामले में सरकार में हलचल शुरू हो गई है। जिन अभ्यर्थियों ने डीम्ड यूनिवर्सिर्टी से पीजी डिग्री ली है और कोर्स कैंपस से पूरा किया है, उन्हें नियुक्ति पत्र मिलना तकरीबन तय है। ऐसे में स्टडी सेंटर से कोर्स पूरा करने वाले अभ्यर्थियों के सामने दिक्कत आ सकती है। मंगलवार को टीमें जांच के लिए संबंधित शहरों में पहुंच गईं।
सोमवार को मुख्यमंत्री हरियाणा भूपेंद्र सिंह हुड्डा के साथ शिक्षा मंत्री और विभाग के अधिकारियाें ने इस मुद्दे को लेकर विस्तार से चर्चा की और तुरंत हल निकालने के निर्देश दिए। मामले में वेरिफिकेशन और अन्य कानूनी पेंच समझा रहे अधिकारियों को मुख्यमंत्री ने समय सीमा तय करने के आदेश दिए हैं। उन्होंने कहा कि पीजीटी की ज्वाइनिंग में यदि किसी तरह की कानूनी अड़चन आ रही है तो कानूनी विशेषज्ञों से राय लेकर उनका हल निकाला जाए। बैठक में विभाग को यह मानना पड़ा कि बैंगलोर यूनिवर्सिटी जैसे संस्थानों को दरकिनार नहीं किया जा सकता। जहां तक एक्सपीरियंस का मामला है, कुछ अभ्यर्थियाें ने नवोदय विद्यालयों और केंद्रीय विद्यालयों से एक्सपीरियंस सर्टिफिकेट लिए हैं। उनके प्रमाण पत्रों के वेरिफिेशन में थोड़ा समय लगेगा।
"मैंने कहा है कि जिन अभ्यर्थियों ने कैंपस से डिग्री ली है, उनकी ज्वाइनिंग शीघ्र करवाई जाए। हमारी टीमें जांच के लिए संबंधित शहरों में पहुंच गई हैं। मुख्यमंत्री ने सभी पीजीटी के कागजात वैरिफाई करवा कर शीघ्र नियुक्ति पत्र देने के निर्देश दिए हैं।"--गीता भुक्कल, शिक्षा मंत्री हरियाणा au
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