** अब उठने लगी कोटे की शेष सीटों के लिए दोबारा आवेदन लेने की मांग
पानीपत : शिक्षा नियमावली के नियम 134-ए के तहत जितने भी आर्थिक रूप से कमजोर बच्चों ने प्राइवेट स्कूलों में निशुल्क दाखिले के लिए टेस्ट दिया, वो सभी पास हो गए। गुरुवार को शिक्षा विभाग ने नतीजे जारी कर दिए। 11 मई को तीसरी से 12वीं कक्षा के लिए परीक्षा हुई थी। दो जमा पांच मुद्दा जनआंदोलन संस्था निशुल्क दाखिलों के लिए लंबे समय से संघर्ष कर रही है।
पंचकूला में सिर्फ एक को दाखिला :
घोषित नतीजों में पंचकूला जिले के सिर्फ एक बच्चे का नाम है। अम्बाला में 181, रोहतक में 368, भिवानी में 605, फरीदाबाद में 186, फतेहाबाद में 154, गुडग़ांव में 117, हिसार में 306, झज्जर में 195, जींद में 457, कैथल में 490, करनाल में 228, कुरुक्षेत्र में 340, महेंद्रगढ़ में 137, मेवात में 229, पलवल में 240,पानीपत में 318, रेवाड़ी में 290, सिरसा में 287, सोनीपत में सर्वाधिक 749 और यमुनानगर में 139 बच्चों को निशुल्क दाखिला मिलेगा। इससे पहले पहली व दूसरी कक्षा में नौ हजार बच्चों ने निशुल्क दाखिला परीक्षा पास की।
अभी भी ढाई लाख सीटें खाली
प्रदेश में प्राइवेट स्कूलों में करीब 27 लाख बच्चे पढ़ रहे हैं। नियमावली के अनुसार 10 प्रतिशत सीटों पर आर्थिक रूप से कमजोर बच्चों को दाखिला देना है। ऐसे में करीब 2.70 लाख सीटें बनती हैं।लेकिन फ्री दाखिले के लिए कुल 30 हजार ही आवेदन हुए। इनमें से भी ज्यादातर ने परीक्षा नहीं दी। दो जमा पांच मुद्दे जन आंदोलन के संयोजक सत्यवीर हुड्डा ने कहा कि 1 जून को ही झज्जर में शिक्षा मंत्री गीता भुक्कल का घेराव किया गया। तब मांग की गई कि कोटे की खाली पड़ी सीटों पर दाखिले के लिए आवेदन करने का और मौका दिया जाए। भुक्कल ने इस पर सहमति जताई। अब 8 जून को दुबारा शिक्षा मंत्री से मुलाकात की जाएगी।
दो लाख से कम आय तो मुफ्त दाखिला
नियम 134ए के मुताबिक आर्थिक रूप से कमजोर की श्रेणी में उन परिवारों को रखा जाएगा जिनकी वार्षिक आय दो लाख से कम है। प्राइवेट स्कूलों में इस वर्ग के बच्चों के लिए 10 प्रतिशत सीटें हैं। पहला यह कोटा 25 प्रतिशत था, जिसे प्रदेश सरकार ने घटा दिया। db
No comments:
Post a Comment
Note: only a member of this blog may post a comment.