** राज्य सूचना आयोग के समक्ष 27 जून को होना होगा पेश, दस माह बाद भी नहीं उपलब्ध कराई गई मांगी गई सूचना
जींद : आरटीआई एक्ट के तहत सूचना न देने पर राज्य सूचना आयोग ने जिला शिक्षा अधिकारी व उप जिला शिक्षा अधिकारी को तलब किया है। दोनों शिक्षा अधिकारियों को 27 जून को चंडीगढ़ में राज्य सूचना आयोग के समक्ष पेश होना होगा। दस माह बाद भी आरटीआई कार्यकर्ता को सूचना न मिलने पर आयोग ने कड़ा संज्ञान लिया है।
यह था मामला
शर्मा नगर जींद निवासी अजय जैन के अनुसार एक निजी स्कूल में पढऩे वाले उसके छह वर्षीय बेटे तरूण जैन की 12 अगस्त 2013 को स्कूल प्रांगण में स्कूली बस के कुचले जाने से मौत हो गई थी। इसके लिए अभिभावकों ने स्कूल प्रबंधन को जिम्मेदार ठहराया था। बाद में सदर थाना पुलिस ने स्कूल बस चालक व परिचालक के खिलाफ मामला दर्ज कर कार्रवाई की थी। मगर परिजन संतुष्ट नहीं हुए थे और वे मामले को लेकर हाईकोर्ट जाना चाहते थे। मृतक बेटे के पिता अजय जैन ने 20 अगस्त 2013 को आरटीआई नियम के तहत जिला शिक्षा अधिकारी कम सूचना सक्षम अधिकारी के माध्यम से स्कूली बसों के रखरखाव व उनके रिकॉर्ड बारे कई बिंदुओं पर सूचना मांगी थी।
आरोप है कि प्रथम अपील अधिकारी डीईओ के आदेशों के बावजूद भी कार्यकर्ता को कोई सूचना उपलब्ध नहीं कराई गई। इससे परेशान होकर आरटीआई कार्यकर्ता ने राज्य सूचना आयोग का दरवाजा खटखटाया।
राज्य सूचना आयोग ने मामले की सुनवाई के बाद आयोग ने इसके लिए जिला शिक्षा अधिकारी व उप जिला शिक्षा अधिकारी जींद को 27 जून को आयोग के समक्ष पेश होने के निर्देश दिए।
यह मांगी थी जानकारी
स्कूली बसों में स्पीड गर्वनर, स्कूल के चालक परिचालकों के लाइसेंस, पुलिस वेरिफिकेशन, मेडिकल, जिला परिवहन अधिकारी को स्कूली चालकों परिचालकों का भेजा गया रिकॉर्ड आदि 21 बिंदुओं पर सूचना मांगी थी।
"मैं बाहर गया हूं और मैंने इस बारे में अभी कोई जानकारी नहीं है। वापस आने पर ही कुछ बता पाऊंगा।"--जोगेंद्र सिंह हुड्डा, डीईओ, जींद।
जिले में नियमों की नहीं हो रही पालना
खासकर स्कूली बस के मामले में जिले के स्कूल संचालक नियमों की पालना पूरी तरह से नहीं कर रहे हैं। निजी स्कूलों की बसों के चालकों व परिचालकों की पुलिस वेरिफिकेशन की भी जहमत स्कूल संचालक नहीं उठा रहे हैं। पिछले दिनों आदेशों के बावजूद भी गिने चुने संचालकों ने ही इस पर अमल किया है। नियमों के हिसाब से बस चालक की आंखों की जांच समय समय पर कराई जानी चाहिए, मगर आरटीआई के तहत मिली सूचना के अनुसार चंद को छोड़कर अधिकतर संचालकों ने अपने स्कूल की बसों के चालकों की आंखों की मेडिकल जांच नहीं कराई है। सामान्य अस्पताल में भी इसका खुलासा हुआ है। db
No comments:
Post a Comment
Note: only a member of this blog may post a comment.