कैथल : राजौंद ब्लाक के स्कूलों में मस्ती की पाठशाला कार्यक्रम में कई स्कूलों में विद्यार्थी न आने से ये कैंप केवल नाम के ही कैंप रह गए हैं।
गांव सेरधा के एक स्कूल में तो केवल एक ही बच्चा आया, जबकि उसे पढ़ाने के लिए 6 जेबीटी के विद्यार्थी पहुंचे। इन समर कैंपों में जेबीटी के विद्यार्थी पढ़ाने के साथ-साथ विभिन्न प्रकार की गतिविधियां बच्चों को करवा रहे हैं, परंतु स्कूलों में गर्मियों की छुट्टियों के कारण विद्यार्थी ही स्कूल में नही आ रहे, जिससे बच्चों को जानकारी देने के लिए जेबीटी के विद्यार्थी पढ़ाने की उपेक्षा अपना समय व्यर्थ में ही पूरा करके खाली घर लौटने को मजबूर हैं।
बच्चों के अभिभावकों का कहना है की गर्मी इतनी है कि बच्चों को भेजना बहुत मुश्किल भरा है। झुलसा देने वाली इस गर्मी में बेजुबान पशु भी बेहाल हैं। अगर बच्चों को स्कूल भेजें तो उनके बीमार होने का भी डर है। अभिभावकों का कहना है कि अगर सरकार ने यह कार्यक्रम चलाना है तो बच्चों के स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए मौसम अनुसार शुरू करना चाहिए।
खंड मौलिक शिक्षा अधिकारी दर्शना बांगड़ ने बताया कि गर्मियों की छुट्टियों में राजौंद ब्लाक के 10 स्कूलों में मस्ती की पाठशाला कार्यक्रम शुरू किया हुआ है। जेबीटी विद्यार्थी बच्चों को अनेक प्रकार की जानकारी दे रहे हैं। स्कूल में अनुशासन बनाए रखने के लिए स्कूल के मुख्याध्यापक की ड्यूटी भी लगाई गई है। dt
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