रोहतक : शिक्षा निदेशालय में आठ महीने से प्रदेशभर के सात हजार शिक्षकों के पदोन्नति केस सिर्फ हस्ताक्षर की वजह से अटके हुए हैं। पदोन्नति के लिए निदेशालय में 28 अधिकारियों के हस्ताक्षर होते हैं, लेकिन वहां कर्मचारियों की कमी बताकर फाइलें ठंडे बस्ते में रख दी गईं हैं। शिक्षक अब आंदोलन की तैयारी में हैं।
उनका कहना है कि पहली पदोन्नति के लिए दस साल इंतजार किया है। समय आया तो विभाग ढील बरत रहा है। पदोन्नति के लिए इंतजार करने वालों में मास्टर, लेक्चर, हेडमास्टर और प्रिंसिपल सभी शामिल हैं।
गौरतलब है कि करीब डेढ़ साल पहले जेबीटी और सीएंडवी अध्यापक को एसीपी देने का अधिकार जिला शिक्षा अधिकारियों को होता था, लेकिन वह अधिकार उनसे वापस ले लिया गया। कारण, विभाग के आला अधिकारियों को शक था कि कुछ शिक्षा अधिकारी अपने मेहरबानों को उनके कार्य की तुलना में गलत एसीआर लगा देते थे। अधिकार तो वापस ले लिया, लेकिन काम भी बढ़ गया। पहले जिलास्तर पर एसीपी लगाने के लिए 4 शिक्षा अधिकारियों के हस्ताक्षर होते थे और अब निदेशालय में केस जाने पर 28 हस्ताक्षर होते हैं। इधर, मामले में शिक्षा मंत्री गीता भुक्कल से फोन पर बातचीत करने की कोशिश की तो उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया। au
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