नई दिल्ली : जल्द ही प्रमाण-पत्रों और अन्य कागजातों को गजटेड अधिकारियों से अटेस्ट कराने के झंझट से मुक्ति मिल जाएगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सचिवों को कहा है कि यह सामंतवादी नियम है। इसे खत्म कर सेल्फ अटेस्ट को बढ़ावा दिया जाए। सूत्रों के अनुसार मोदी ने इस हफ्ते एक बैठक में सचिवों और विभाग प्रमुखों को इस संबंध में निर्देश दिए हैं। इसके मुताबिक लोगों को अपने दस्तावेजों का सत्यापन कराने में बहुत दिक्कत आती है। ऐसे में आम जनता को इस सामंती नियम से बचाया जाना चाहिए। ताकि सरकार के कामकाज में भेदभाव न हो सके। गजटेड अधिकारी से कागजातों को सत्यापित कराने का नियम उन दस नियमों में शामिल हैं, जिन्हें सामंती नियमों की श्रेणी में रखा गया है।
ये निर्देश गुजरात मॉडल का हिस्सा है। गजटेड अधिकारी से अटेस्ट कराने का नियम खत्म करने का सबसे ज्यादा फायदा छात्रों को होगा। उन्हें सरकारी नौकरियों की परीक्षा में शामिल होने के लिए अपने सभी दस्तावेजों को अटेस्ट कराना होता है। मोदी का कहना है कि लोग अपने असली कागजात लाते हैं तो सेल्फ-अटेस्टेड प्रतियों को पर्याप्त माना जाना चाहिए। इससे लोगों का समय और पैसा बचेगा। उन्हें अतिरिक्त मेहनत और शोषण भी नहीं कराना पड़ेगा। db
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