**बोर्ड मुख्यालय में 50 फीसद से ज्यादा पद पड़े हैं रिक्त
पानीपत : हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड की ओर से जिलों में खोले गए समन्वय केंद्रों को बंद करने का फैसला शिक्षा विभाग ने ले लिया है। इन केंद्रों के जरिए स्कूल मुखिया और संचालक जिला स्तर पर पुस्तक खरीदने से लेकर बोर्ड से संबंधित अनेक कार्य आसानी से निपटा लेते थे। इनके बंद होने से अब उन्हें छोटे कार्यो के लिए भी भिवानी स्थित मुख्यालय के चक्कर काटने पड़ेंगे।
हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड ने छात्रों, अभिभावकों, स्कूल मुखियाओं और प्राइवेट स्कूल संचालकों की सुविधा के लिए प्रत्येक जिले में समन्वय केंद्र स्थापित किए थे। बोर्ड की ओर से इन केंद्रों पर बाकायदा स्टाफ की तैनाती की गई थी। केंद्रों के जरिए बोर्ड जिलों में विभिन्न कक्षाओं की पाठ्य पुस्तकें व अन्य सामग्री भेजता था।
बोर्ड से जारी आदेश, डाक आदि स्कूल मुखियाओं को इन केंद्रों से मिलती थी। इसके अलावा दसवीं व बारहवीं की परीक्षा के फॉर्म व बोर्ड द्वारा स्कूलों से समय-समय पर मांगी जाने वाली सूचनाएं इनमें जमा करवाई जाती थी। अब शिक्षा निदेशालय स्तर पर मंथन के बाद समन्वय केंद्रों को बंद करने का निर्णय लिया गया है। इस बारे में लिखित फरमान जल्द ही सभी जिलों में भेज दिए जाएंगे। माना जा रहा है कि आगामी एक जुलाई से इन केंद्रों को बंद कर दिया जाएगा।
95 के बाद नहीं हुई स्थाई भर्ती
बोर्ड सूत्रों का कहना है कि 1995 के बाद हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड के भिवानी मुख्यालय में नई स्थाई भर्ती नहीं हुई। स्टाफ साल दर साल सेवानिवृत्त होता रहा। स्थाई भर्ती न होने से दो दशक में लगभग 50 फीसद से ज्यादा पद रिक्त हो गए। लंबी भर्ती प्रक्रिया व वित्तीय बोझ को देखते हुए ही आला अधिकारियों ने समन्वय केंद्रों को बंद करने का फैसला लिया।
ऑनलाइन करने का असर
समन्वय केंद्र प्रदेश के सभी 21 जिलों में संचालित किए जा रहे हैं। पानीपत में वर्ष 2006-07 में इसकी स्थापना की गई। निजामपुर मिडल स्कूल में एक कमरे में केंद्र चलाया जा रहा है। रजिस्ट्रेशन से लेकर परीक्षा फार्म भरने तक सभी कार्य अब ऑनलाइन हो गए। ऑनलाइन होने से विद्यार्थियों को सहूलियत हुई। स्टाफ को मैन्यूअल कामकाज से राहत मिली। माना जा रहा है कि समन्वय केंद्रों की भूमिका सिमट जाने से इन्हें बंद करने का फैसला लिया गया। dj
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