हिसार : सेंट्रल बोर्ड ऑफ सेकेंडरी एजुकेशन (सीबीएसई) चाहता है कि कक्षा 10 के विद्यार्थी भी राजनीतिक दलों के सिद्धांतों को जानें। इसलिए इसे पाठ्यक्रम में भी शामिल किया गया है। मंगलवार को सामाजिक विज्ञान विषय की परीक्षा में पूछा गया कि भारतीय जनता पार्टी के प्रेरक सिद्धांत क्या हैं। इस प्रश्न का उत्तर छात्रों ने दिया या नहीं अथवा दिया तो क्या, यह तो वही जानें लेकिन दिलचस्प यह है कि भाजपा के दिग्गज नेताओं को ही पार्टी के मूल सिद्धांतों के बारे में पूरी तरह पता नहीं है।
हुआ यह कि मंगलवार को दसवीं के सामाजिक विज्ञान विषय में सभी सामान्य प्रश्न पूछे गए थे, लेकिन सेट में पेपर कोड संख्या 32/1 में प्रश्न नंबर तीन में पूछा गया था कि भारतीय जनता पार्टी के मुख्य प्रेरक सिद्धांत क्या हैं? इस प्रश्न के लिए एक अंक निर्धारित था। इस सवाल का जवाब हासिल करने के लिए भाजपा के वरिष्ठ नेताओं से बात की तो सबके जवाब अलग अलग मिले। केवल पार्टी के जिला अध्यक्ष और शहर के विधायक डॉ कमल गुप्ता का उत्तर ही आंशिक तौर पर सही था।
भाजपा नेताओं के अनुसार सिद्धांत
"हम एकात्म मानववाद के आधार पर राजनीति करते हैं। व्यक्ति को तन, मन, बुद्धि और आत्मिक सुख मिलना चाहिए। परिवार, समाज, शहर और देश के साथ-साथ पूरे ब्रह्मांड के प्रत्येक प्राणी को यह सुख मिलना चाहिए"-- डॉ.कमल गुप्ता, भाजपा जिलाध्यक्ष विधायक
"पार्टी का मुख्य उद्देश्य सबका विकास,उत्थान और सभी को साथ लेकर चलना है। पार्टी में जातिवाद का कोई भेदभाव नहीं है।''-- सुरेशधूपवाला, जिला मीडिया प्रभारी
"भाजपा के एक परिवार है, जो राष्ट्रीय सोच के साथ आगे बढ़ती है। जातपात को मिटाकर सभी योग्यता के आधार पर कार्य कर रहे हैं।''-- रविसैनी, भाजपा नेता
"समाज को साथ लेकर चलने वाला संगठन भाजपा है, जिसमें सभी परिवार के सदस्य की तरह रहते हैं। पार्टी में देश हित को लेकर कार्य किए जाते हैं।''-- सुजीतकुमार, महामंत्री
"पार्टी का मुख्य सिद्धांत राष्ट्रवाद और धर्म निरपेक्षता है। पार्टी की सोच देश को सभी बाहरी ताकतों से सुरक्षित रखना है।''-- बाबूलाल अग्रवाल,प्रदेश सह संयोजक, व्यापार प्रकोष्ठ भाजपा
सवाल पर संपत का सवाल, छत्रपाल का जवाब
पूर्व मंत्री एवं कांग्रेस नेता प्रो. संपत सिंह ने कहा कि परीक्षा में पार्टी विशेष को लेकर ऐसा सवाल पहली बार आया है। केंद्र और राज्य में भाजपा का शासन है और भाजपा के बारे में परीक्षा में सवाल तय करना एक तरह से शिक्षा का भगवाकरण का प्रयास है। संपत सिंह के कथन पर भाजपा के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व मंत्री प्रो. छत्तरपाल सिंह ने कहा कि प्रश्नत्र में कांग्रेस को लेकर भी तो एक सवाल है। फिर दसवीं कक्षा का छात्र भावी वोटर है। अगर छात्रों को दलों का ज्ञान दिया जा रहा है तो उसमें गलत क्या है। वैसे भी यह सिलेबस भाजपा के सत्ता में आने से पहले का बना हुआ है।
ये हैं भाजपा के प्रेरक सिद्धांत
दोहरी सदस्यता के मद्दे पर जनता पार्टी से अलग होकर जनसंघ घटक के लोगों ने 20 अप्रैल 1980 को मुंबई (तब बंबई) में अधिवेशन कर भारतीय जनता पार्टी का गठन किया था। पार्टी के पहले अध्यक्ष अटलबिहारी वाजपेयी थे। भाजपा ने उस समय पंडित दीनदयाल उपाध्याय द्वारा प्रतिपादित एकात्म मानववाद को अपना मूल दर्शन घोषित किया था और पंच-निष्ठाएं बताई थीं
1. समतायुक्त-शोषणमुक्त समाज, 2. गांधीवादी समाजवाद
3. मूल्यों पर आधारित राजनीति, 4. सर्वपंथ समभाव
5. राष्ट्रीय एकता एवं एकात्मता db
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