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Wednesday, 11 March 2015

मंथली टेस्ट: सरकारी स्कूलों के विद्यार्थियों के भविष्य से खिलवाड़

** विरोध : अध्यापक संघ ने कहा-शिक्षा का स्तर बिगाड़ने को बनाया नियम 
** जमीनी स्तर पर फायदे नजर नहीं रहे हैं नीति के, हवा में बना दिए गए हैं नियम 
फतेहाबाद : शिक्षा विभाग ने सरकारी स्कूलों में मंथली टेस्ट की जो प्रक्रिया शुरू की है। वह विद्यार्थियों के भविष्य के लिए ठीक नहीं है। यह प्रक्रिया अपने आप में उलझी हुई है। विभाग की ओर से हर रोज नए-नए नियम सिस्टम में बदलाव के फंडों से अध्यापक वर्ग परेशान हैं। वहीं कई बातों में सही भी है कि जिस तरह से नियम बनाए गए हैं, वह जमीनी स्तर पर उसके फायदे नजर नहीं रहे हैं। लगता है कि हवाओं में नियम बनाए गए हैं। नियम ऐसे कि पता नहीं चलता कि यह शिक्षा को सुधारने के लिए यहां बिगाड़ने के लिए। 
 इस बार विभाग ने मासिक परीक्षा में एक स्कूल के अध्यापक को दूसरे स्कूल में लगाए जाने के आदेश जारी किए हुए हैं। ऐसे में कई तरह की परेशानियां आने की संभावना बनी हुई है। आदेश के मुताबिक एक स्कूल के अध्यापकों को दूसरे स्कूल में भेजता है, मुखिया तक को भी। ऐसे में स्कूल को संभालने से लेकर विद्यार्थियों की पढ़ाई पर असर पड़ सकता है।परीक्षा के बाद करेंगे छुट्टी
विभाग के अधिकारियों के मुताबिक मंथली परीक्षा के बाद विद्यार्थियों की छुट्टी कर दी जाएगी। वहीं दूसरे स्कूलों से आए अध्यापक पेपर चेक कर रिपोर्ट तैयार करेंगे। हालांकि अभी तक यह माना जा रहा था कि सभी अध्यापकों को दूसरे स्कूलों में भेजा जाएगा,लेकिन विभाग ने निर्णय लिया है एक अध्यापक स्कूल में जरूर रहेगा।
मंथली टेस्ट से समय खराब होगा 
"शिक्षा विभाग मंथली टेस्ट के नाम पर विद्यार्थियों अध्यापकों का समय व्यर्थ गवां रहे हैं। मार्च महीने में मंथली टेस्ट लेने का ही कोई औचित्य नहीं बनता है। दूसरे कई तरह के अजीबो  गरीब से आदेश दिए हैं। इससे विद्यार्थियों की पढ़ाई प्रभावित होगी।'' -- विकासटूटेजा, जिला प्रधान, राजकीय प्राथमिक शिक्षक संघ।
अध्यापकों के सवाल, डीईईओ यज्ञदत्त के जवाब
सवाल : यदि स्कूल का पूरा स्टाफ दूसरे स्कूल में परीक्षाएं लेने चला जाता है तो पीछे से उन स्कूलों की देखभाल की जिम्मेदारी किसकी होगी 
जवाब: संबंधित स्कूल का एक अध्यापक उसी स्कूल में जरूर रहेगा जोकि पीछे से सारी व्यस्था देखेगा। 
सवाल: परीक्षाका समय 8 से साढ़े 10 बजे तक रखा गया है। उसके बाद विद्यार्थियों को कौन पढ़ाएगा। 
जवाब: उसके बाद बच्चों की छुट्टी कर दी जाएगी। 
सवाल: जनवरी-फरवरी में प्रश्न पत्र-उत्तर पुस्तिका एक ही थी, लेकिन मार्च महीने में सिस्टम बदल दिया गया। अलग-अलग कर दिए, जिससे परेशानी बढ़ गई। इस बार उत्तर पुस्तिकाएं अलग देनी है। 
जवाब: यहविभाग का आदेश है, उसके हिसाब से कार्रवाई की जा रही है। इसे हम नहीं बदल सकते। 
सवाल: स्कूलका पूरा स्टाफ शिफ्ट हो जाएगा तो उत्तर पुस्तिकाएं कौन खरीदकर लाएगा। 
जवाब: एकअध्यापक जो रहेगा, वही सबकुछ व्यवस्था को संभालेगा। उसीकी िजम्मेदारी होगी। वहीं खरीदकर लाएगा। 
सवाल: क्याप्राइवेट स्कूलों में अध्यापक बदले जाते हैं। तो क्या वहां एजुकेशन सिस्टम ठीक नहीं है। इस तरह करने से क्या होगा। 
जवाब: विभागके अधिकारियों ने जो सिस्टम बनाया है, यह सब कुछ उसी आधार पर किया जा रहा है। इससे पता चला जाएगा कि पढ़ाई कैसी है।                                   db 

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