** जेबीटी भर्ती 2010-11 : प्रदेश में 776 जेबीटी अध्यापक के पद पर नौकरी कर रहे हैं, जिसमें से 191 मेवात जिले में
खरखौदा : प्रदेश में वर्ष 2010-11 में हुई जेबीटी भर्ती में जेबीटी के अंगूठों का मिलान फोरेंसिक लैब में नहीं हुआ है उन्हें नौकरी से बर्खास्त करके उन पर एफआईआर दर्ज क्यों न कराई जाए इस संदर्भ में प्राथमिक शिक्षा निदेशालय ने संबंधित जेबीटी को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।
प्रदेश में 776 जेबीटी अध्यापक के पद पर नौकरी कर रहे अध्यापकों को नोटिस दिए जा रहे हैं। जिनमें से करीब 191 जेबीटी अध्यापक मेवात जिले में अपनी सेवाएं दे रहे हैं। नोटिस मिलने के बाद जेबीटी अध्यापक ऊहापोह की स्थिति में हैं। सूत्रों के मुताबिक नोटिस का जवाब देने के लिए वकीलों की सलाह ले रहे हैं अभी तक जवाब देने का सिलसिला शुरू नहीं हुआ है।
दो तरह के भेजे जा रहे हैं नोटिस :
प्राथमिक शिक्षा विभाग की तरफ से वर्ष 2010-11 में हुई जेबीटी भर्ती में अंगूठा जांच प्रक्रिया में जो अध्यापक नौकरी छोड़ने या नौकरी बदलने के कारण शामिल नहीं हुए उनकी भी जांच होनी है। ऐसे अध्यापकों को नोटिस थमाया जा रहा है, जिसमें कहा गया है कि आप अंगूठा जांच में शामिल नहीं हुए हैं। आपकी भी जांच होगी। अगर अंगूठों का मिलान नहीं हुआ तो उन पर भी कार्रवाई क्यों की जाए?
तीन जगह हुए हस्ताक्षर बने जांच का आधार
नौकरी कर रहे जेबीटी की जांच करने के लिए आवेदन फार्म, अध्यापक पात्रता परीक्षा भिवानी में लिए गए अंगूठों के मिलान में जिन अध्यापकों के अंगूठे फोरेंसिक लैब ने अवैध ठहराए हैं, उनको नौकरी से बर्खास्त करने उन पर एफआईआर दर्ज कराने संबंधी मामले में अध्यापकों से नोटिस देकर जवाब मांगा है।
जांच पूरी होने पर होगी एफआईआर
"करीब 22 अध्यापकों को नोटिस दिए जा चुके हैं। 26 अध्यापक ऐसे थे जो जांच में शामिल नहीं हुए उनको भी अलग से नोटिस दिया गया है। ताकि वे अपने अंगूठों का मिलान कराएं। अगर वे भी फर्जी मिलेंगे तो उन पर भी कार्रवाई होनी है। सभी संबंधित अध्यापकों को मधुबन लैब से आई रिपोर्ट की प्रतिलिपि भी साथ संलग्न करके भेजी है।''-- ओपी कादियान,जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी, सोनीपत।
"जांच पूरी होने के बाद दोषियों पर एफआईआर भी दर्ज होगी। नव चयनित जेबीटी में भी फर्जीवाड़ा करके चयनित हुए जेबीटी पर भी एफआईआर दर्ज होगी। प्राथमिक शिक्षा निदेशालय ने वर्ष 2010-11 में हुई जेबीटी भर्ती में फर्जीवाड़ा करने वालों को नोटिस दिए हैं ताकि उन पर आगामी कार्रवाई की जा सके।''-- कविता जैन,कैबिनेट मंत्री हरियाणा सरकार। db
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