सोनीपत : राजकीय स्कूलों में एजुकेशन के विशेष माध्यम के रूप में उभरे मिड डे मील को लेकर प्रशासन ने फिर से गंभीरता दिखाई है। अब मिड-डे मील में ब्रांडेड खाद्य सामग्री ही उपयोग में लानी होगी। यही नहीं जो खाद्य सामग्री खरीदी जाएगी उसे प्लास्टिक के अच्छी क्वालिटी के कंटेनर में रखना होगा। इस बाबत स्कूलों में बच्चों को परोसे जाने वाले मिड-डे मील को लेकर नई गाइडलाइन जारी की गई है।
इसमें कहा गया है कि अब पैकेज्ड दाल, एगमार्क ब्रांड के सामान का ही उपयोग मिड-डे मील में होगा। खाना बनाने में डबल फोर्टिफाइड नमक का प्रयोग किया जाए। नई गाइड लाइन पूरी तरह से फूड सेफ्टी हाइजीन को ध्यान में रखकर बनाई गई है। इस बारे में मिड-डे मील के निदेशक डॉ. सुपर्णा एस पचौरी की ओर से मौलिक शिक्षा अधिकारियों को पत्र जारी कर दिया है। इसमें बच्चों को गरमा गर्म खाना देने का जिक्र भी किया गया है। इसमें कहा गया है कि बच्चों को जब खाना परोसा जाए वह उसका तापमान 65 डिग्री सेल्सियस होना चाहिए। खाना सही समय पर बनाया जाए और बनने के तुरंत बाद बच्चों को दिया जाए। इस बात का खास ख्याल रखा जाए कि बच्चों को खाना देने से पहले उसे स्कूल टीचर टेस्ट करें। विदित हो कि सोनीपत में मिड डे मिल 557 स्कूलों में वितरित किया जाता है।
सब्जियां हर दिन खरीदें :
सब्जियों को हर दिन खरीदने पर जोर दिया गया है। अगर प्रतिदिन नहीं खरीदी जाती हैं तो उन्हें एक से दो दिन से ज्यादा स्टोर नहीं किया जाए। इसके साथ ही जो दाल, चीनी, चना या अन्य खाद्य सामग्री है उसे भी कम से कम दिनों तक ही स्टोर किया जाए। खाद्य सामग्री को उसकी कंडीशन के हिसाब से स्टोर किया जाए। जोकि सामान सूर्य की रोशन में रखना जरूरी है उसे ऐसे स्थान पर ही स्टोर करें जहां पर सूर्य की किरणें आसानी से पहुंच सकें।
कर्मचारी की तबियत ठीक नहीं तो बनवाएं खाना
गाइडलाइन में यह भी कहा गया है कि जो कर्मचारी बच्चों का मिड-डे मील बनाने का काम करते हैं अगर उनकी तबियत ठीक नहीं है तो उनसे खाना नहीं बनवाया जाए। इसके साथ ही काम करने वाले कर्मचारियों का हर साल मेडिकल चेकअप कराया जाए। इसकी जिम्मेदारी स्कूल प्रबंधन या फिर शिक्षा विभाग की होगी। db
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