हिसार : राजकीय प्राथमिक विद्यालयों में गुरुवार से शुरू होने वाली वार्षिक परीक्षाओं के साथ ही विवाद भी उभरे हैं। शिक्षा निदेशालय ने परीक्षाओं को लेकर पूरी तैयारी कर ली हैं और उधर, हरियाणा विद्यालय अध्यापक संघ ने एकजुट होकर ऐलान कर दिया कि परीक्षाओं का बहिष्कार किया जाएगा। संघ का कोई भी सदस्य परीक्षाओं में ड्यूटी नहीं देगा।
जिले में 530 प्राइमरी स्कूल हैं। शिक्षा निदेशालय की डेटशीट के अनुसार गुरुवार से परीक्षाएं शुरू होंगी। पहली से 5वीं में पहला पेपर गणित का होगा, जो सुबह नौ बजे से साढ़े ग्यारह बजे तक चलेगा। जिले में 516 केंद्र बनाए गए हैं। एक तरफ जहां शिक्षा निदेशालय परीक्षाआें को नए पैटर्न पर करा रहा है तो दूसरी तरफ हरियाणा विद्यालय अध्यापक संघ इसका पूरजोर विरोध कर रहा है। संघ के पदाधिकारियों ने दो दिन पूर्व जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी बलजीत सिंह को ज्ञापन सौंपकर विरोध जताया था और परीक्षा का पैटर्न बदलने की मांग की थी, मगर ज्ञापन के बाद विभाग ने कोई बदलाव नहीं किया। शिक्षा निदेशालय नए पैटर्न के आधार पर ही परीक्षा शुरू करने जा रहा है।
इस बार शिक्षा निदेशालय ने निर्देश दिए हैं कि परीक्षा में स्थानीय स्कूल के शिक्षकों की ड्यूटी नहीं रहेगी। परीक्षा में शिक्षकों की एक-दूसरे स्थान पर ड्यूटी लगाई जाए। इसके अलावा पहली बार शिक्षा निदेशालय ने दोनों सेमेस्टर के सिलेबस को परीक्षाओं में शामिल है और पेपर भी निदेशालय ने अपने स्तर पर ही तैयार कराए हैं। परीक्षाओं से पहले किए गए इन बदलाव का विभिन्न शिक्षक संगठन विरोध कर रहे हैं।
"परीक्षाओं को लेकर पूरी तैयारी कर ली गई हैं। परीक्षा पैटर्न में हुआ बदलाव शिक्षा निदेशालय का फैसला है। इसमें स्थानीय स्तर पर कोई बदलाव नहीं किया जा सकता।''-- बलजीतसिंह, जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी
अध्यापक संघ का तर्क
"शिक्षा विभाग मनमाने ढंग से नए-नए प्रयोग कर रहा है। पहली से 5वीं के बच्चे केवल कक्षा अध्यापक द्वारा ही पूरे वर्ष जांचे गए। अब दूसरे स्कूल के अध्यापक किस प्रकार उनका मूल्यांकन करेंगे। अध्यापक संघ इन फरमानों का बहिष्कार करता है और कोई भी स्कूल के बाहर जाकर परीक्षा नहीं लेंगे।''-- प्रभुसिंह, जिला सचिव हरियाणा विद्यालय अध्यापक संघ db
No comments:
Post a Comment
Note: only a member of this blog may post a comment.