फतेहाबाद : शिक्षा विभाग ने बच्चों व अध्यापकों का ज्ञान जांचने के लिए एक और पहल शुरू की है। शिक्षा विभाग पहले ही आठवीं तक के बच्चों को फेल न करने का फैसला ले चुका है। इस कारण शिक्षा में गिरावट आई। लेकिन अब शिक्षा विभाग अपने स्तर पर पेपर तैयार करके स्कूलों में भेजेगा। आठवीं कक्षा के पेपर लेने के लिए अन्य स्कूलों के अध्यापक भेजे जाएंगे। इससे बच्चे मानसिक रूप से मजबूत होंगे।
शिक्षा विभाग द्वारा पांच वर्ष पहले आठवीं कक्षा के बोर्ड को हटा दिया था। एससीईआरटी गुड़गांव द्वारा निर्देश दिए गए हैं कि अब स्कूली शिक्षक द्वारा पेपर तैयार न होकर विभाग द्वारा आठवीं कक्षा को पेपर तैयार किया जाएगा। अब औपचारिक तौर पर बच्चों को पास नहीं किया जाएगा ताकि शिक्षा स्तर को और बेहतर बनाया जा सके।
पूरे साल का सिलेबस एक ही समेस्टर में
आठवीं का पूरे साल का सिलेबस मार्च में होने वाली एक ही समेस्टर की परीक्षा में होगा। इस बच्चों को यह परेशानी आएंगी कि पूरे साल का समेस्टर मात्र कुछ ही दिनों में दोहराना होगा। जो बच्चों के लिए भी मुश्किल होगा। अध्यापकों को यह परेशानी सता रही हैं कि पहले तो वह बच्चों को औपचारिक तरीके से पढ़ाते थे और उन्हे पास कर देते थे, लेकिन विभाग द्वारा आठवीं की परीक्षा होने पर शिक्षक बच्चों को इस परीक्षा के लिए अच्छी तरह तैयार नहीं कर पाए हैं। इसी कारण शिक्षकों की चिंता सता रही हैं।
जल्दबाजी कर रहा है विभाग
राजकीय प्राथमिक शिक्षक संघ के संगठन सचिव देवेंद्र सिंह दहिया ने बताया कि शिक्षा विभाग पूरे साल का सलेबस एक ही समेस्टर में देकर जल्दबाजी कर रहा है। विभाग को सिर्फ द्वितीय समेस्टर का ही पेपर लेना था। इस कारण बच्चों को परेशानी का सामना करना पड़ेगा।
नकल पर भी लगेगी रोक
जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी डॉ. यज्ञदत्त वर्मा का कहना है कि शिक्षा विभाग द्वारा ही पेपर तैयार किए जाएंगे। स्कूली स्तर पर कोई पेपर तैयार नहीं होगा। इससे परीक्षा में होने वाली नकल पर भी रोक लगेगी और स्कूल का शिक्षा स्तर भी पता चल पाएगा। dj
No comments:
Post a Comment
Note: only a member of this blog may post a comment.