यमुनानगर : हरियाणा राजकीय अध्यापक संघ सम्बंधित हरियाणा कर्मचारी महासंघ ने आरोप लगाया कि शिक्षा विभाग के उच्चाधिकारियों की कार्यप्रणाली से अध्यापक, अभिभावक व विद्यार्थी असमंजस की स्थिति में हैं।
संघ के प्रांतीय प्रधान प्रदीप सरीन, चेयरमैन कुलभूषण शर्मा ने कहा कि शिक्षा विभाग के आला अधिकारी न जाने कैसे-कैसे काम कर रहे हैं, जिस से अध्यापक अभिभावक और विद्यार्थी सभी असमंजस में हैं कि उन्होंने पढ़ाई तो सेमेस्टर प्रणाली के तहत की थी और अब उनको परीक्षा पूरे पाठ्यक्रम में से देनी पड़ेगी। अध्यापक और अभिभावक वार्षिक परीक्षा का विरोध नहीं करते, परन्तु इस प्रकार स्कूल कलेंडर के साथ छेड़छाड़ व तुरंत जारी तुगलकी फरमानों से बच्चों को मानसिक तनाव से गुजरना पड़ रहा है। जो पाठ्यक्रम वह पांच माह पहले पढ़ चुके हैं और जिनकी दोहराई तक नहीं हुई है उन पाठों में से परीक्षा कैसे दे सकते हैं जबकि अध्यापक भी बोर्ड परीक्षाओं में ड्यूटी देने के लिए गए हुए हैं।
अध्यापक संघ के प्रांतीय महासचिव संजीव मंदोला व प्रवक्ता रविंद्र राणा ने बताया कि अधिकारी शिक्षा में जो भी सुधार करना चाहें नए सत्र से करें, क्योंकि बीच सत्र नियमों को बदलना और नए-नए फरमान जारी करना विद्यार्थियों को तनाव में ला देता है। एक-एक अध्यापक 4-4 विषय पढ़ा रहा है और स्कूल के अन्य कार्य भी कर रहा है। सभी अध्यापक संघ इन तुगलकी फरमानों के खिलाफ लामबंद होकर बड़े आन्दोलन की तैयारी में है ताकि विभाग के अधिकारियों को होश में ला सकें। dt
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