** विडंबना : 2013-14 के तीन क्वार्टरों तथा 2014-15 के दो क्वार्टरों की राशि अब तक नहीं मिल सकी
जींद : बजट की कमी के कारण प्रदेश के एससी, बीसी तथा बीपीएल विद्यार्थियों के करोड़ों रुपये के स्टाइपेंड की राशि रुकी पड़ी है। स्कूल मुखिया स्टाइपेंड की मांग को लेकर कई बार अधिकारियों से गुहार लगा चुके हैं, लेकिन बजट की कमी बताकर राशि जारी नहीं की जा रही है। अब अभिभावक भी स्कूल में पहुंचकर जानकारी लेने लगे हैं। यही नहीं आरटीआइ लगाकर स्टाइपेंड जारी न करने की जानकारी ले रहे हैं। इससे स्कूल मुखियाओं की समस्याएं ओर ज्यादा बढ़ गई हैं।
शिक्षा विभाग की तरफ से एससी, बीसी, बीपीएल विद्यार्थियों को शिक्षा विभाग की तरफ से तीन माह में एक बार स्टाइपेंड की राशि प्रदान की जाती है। पहली से आठवीं के एससी, बीसी, बीपीएल विद्यार्थियों को इसका लाभ दिया जाता है, लेकिन प्रदेश भर के विद्यार्थियों को 2013-14 के तीन क्वार्टरों तथा 2014-15 के दो क्वार्टरों की राशि अब तक नहीं मिल सकी है। बताया जा रहा है कि 2013-14 के दौरान बच्चों के खाते बैंकों में खुलवाए गए। प्रदेश के विद्यार्थियों के अधिकतर खाते को-आपरेटिव बैंकों में थे और उस दौरान बैंक ऑनलाइन नहीं होने के कारण उनके खाते नहीं खोले जा सके। इसके बाद स्टाइपेंड के बिल जरनेट नहीं हो सके।
इस कारण उन्हें दूसरे, तीसरे व चौथे क्वार्टर की स्टाइपेंड की राशि आज तक जारी नहीं हो सकी। इसी प्रकार से 2014-15 वित्त वर्ष में विद्यार्थियों के खाते तो खोल दिए गए और विद्यार्थियों को पहले व दूसरे क्वार्टर की राशि भी जारी कर दी गई, लेकिन बजट न होने के कारण आज तक तीसरे व चौथे क्वार्टर की राशि जारी नहीं हो सकी है। इसके चलते विद्यार्थियों व उनके अभिभावकों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। स्कूल मुखिया भी बार-बार उच्चाधिकारियों को स्टाइफंड की मांग कर चुके हैं, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही है।
अभिभावक लगा रहे आरटीआइ
लंबे समय से स्टाइपेंड की राशि नहीं मिलने के कारण अभिभावक शिक्षकों से जानकारी लेने के लिए स्कूलों तक पहुंच जाते हैं। कई बार तो अभिभावकों का शिक्षकों से विवाद भी हो जाता है। यही नहीं अब तक अभिभावक सूचना के अधिकार के तहत सूचना मांगकर आरटीआइ के बारे में जानकारी ले रहे हैं। उन्हें लगता है कि कहीं शिक्षक ही इसमें गोलमाल नहीं कर रहे हों जबकि विभाग के पास नहीं होने के कारण ऐसा हो रहा है।
जल्द जारी की जाए राशि : मलिक
हरियाणा राजकीय स्कूल आफिसर एसोसिएशन के प्रदेश उपप्रधान रमेश चंद्र मलिक ने कहा कि 2013-14 के तीन क्वार्टरों की किस्त आज तक जारी नहीं हो सकी है। बिल देने के बावजूद वित्त विभाग ने बिलों को जरनेट नहीं किया। वहीं 2014-15 के अंतिम दो क्वार्टरों की राशि भी आज तक जारी नहीं हो सकी है। इस बारे में उच्चाधिकारियों से मांग की जा चुकी है।
यह है शिक्षा विभाग की योजना
शिक्षा विभाग की स्टाइपेंड योजना के तहत पहली से पांचवीं तक बीपीएल लड़कों को 75 रुपये प्रतिमाह जबकि लड़कियों को 150 रुपये प्रति माह दिए जाते हैं। इसी प्रकार से छठीं से आठवीं कक्षा के बीपीएल लड़कों को 150 रुपये व लड़कियों को 200 रुपये प्रतिमाह प्रदान किए जाते हैं। इसी प्रकार से पहली से पांचवीं कक्षा के बीसी-ए लड़कों को 75 रुपये, बीसी-बी लड़कियों को 150 रुपये प्रति माह, छठीं से आठवीं कक्षा के बीसी-ए लड़कों को 100 रुपये तथा बीसी-ए लड़कियों को 200 रुपये प्रति माह प्रदान किए जाते हैं। इसी प्रकार से पहली से पांचवीं कक्षा के एससी कैटेगरी के लड़कों को 100 रुपये प्रति माह, लड़कियों को 150 रुपये प्रति माह तथा छठीं से आठवीं कक्षा के एससी कैटेगरी के लड़कों को 150 रुपये प्रति माह व लड़कियों को 200 रुपये प्रति माह स्टाइपेंड के रूप में प्रदान किए जाते हैं। dj
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