तोशाम : शिक्षा विभाग में तैनात कंप्यूटर शिक्षकों, लैब सहायकों तथा अतिथि अध्यापकों के बाद अब पूर्ववर्ती सरकार में लगे 7223 पीजीटी अध्यापकों पर भी वर्तमान सरकार की नजर टेढ़ी हो गई है। शिक्षा विभाग ने इन पीजीटी अध्यापकों को विभाग की प्लान स्कीम से हटाकर राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान के अंतर्गत कर दिया है। अब इन अध्यापकों को वेतन राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान के तहत दिया जाएगा। इस संबंध में विभाग ने स्कूलों में इन अध्यापकों की लिस्ट भेजते हुए विभाग की प्लान स्कीम के तहत वेतन जारी नहीं करने को कहा है। इससे इन अध्यापकों में हड़कंप की स्थिति है।
प्रदेश में शिक्षा के गिरते स्तर पर सरकार, विपक्ष सहित हर कोई चिंतित है। सरकार व विभाग द्वारा किए जा रहे नित्य नए प्रयोगों से अध्यापकों में अनिश्चितता की स्थिति बनी हुई है। विभाग में तैनात कंप्यूटर शिक्षकों, लैब सहायकों, अतिथि अध्यापकों की भर्ती का विवाद अभी थम नहीं रहा है कि दूसरी तरफ शिक्षा विभाग ने पिछले साल भर्ती किए गए पोस्ट ग्रेजुएट टीचरों के वजूद पर भी सवाल उठाने खड़ा कर दिए हैं। इन शिक्षकों को पिछले साल हुड्डा सरकार ने चुनाव से पहले भर्ती किया था तथा अब तक इनका वेतन विभाग की प्लान स्कीम के तहत निकाला जा रहा था। लेकिन साल भर गुजरने के बाद विभाग ने विभिन्न स्कूलों में तैनात इन शिक्षकों का वेतन प्लान स्कीम के तहत नहीं निकालने का फरमान जारी कर दिया। विभाग ने निदेशक ने सभी जिला शिक्षा अधिकारियों को प्लान बजट के तहत 1876165000 रुपये जारी करते हुए साफ तौर पत्र जारी करते हुए निर्देश दिए है कि इस बजट में 7223 पीजीटी शिक्षकों के वेतन का बजट नहीं है। इन शिक्षकों को रमसा के तहत लाया गया है तथा इनका बजट अलग से जारी किया जाएगा। साथ ही विषयवार इन शिक्षकों की सूचि भी सलंगA की है। विभाग इसी स्कीम के तहत नए लगे रगुलर कर्मचारियों का वेतन जारी करता रहा है। गत दो महिनों से इन शिक्षकों का वेतन लटका हुआ है।
शिक्षकों में मचा हडकंप
स्कूलों में विभाग के निर्देश मिलते ही विभिन्न स्कूलों मं तैनात पीजीटी शिक्षकों में हडकंप मचा हुआ है। निर्देशों के साथ सलंग्न सूची में सभी पीजीटी अध्यापकों के नाम की लिस्ट भेजकर साफ लिखा हुआ है कि इन अध्यापकों को राष्ट्रीय माध्यमिक अभियान (रमसा) के तहत तैनात किया गया है तथा इनके वेतन का बजट विभाग की प्लान स्कीम में शामिल नहीं है तथा इनका बजट अलग से जारी किया जाएगा।
निर्देशों को पढ़कर तथा सलंग्न सूची में सभी पीजीटी का होने से इन शिक्षकों में हड़कंप की स्थिति बन गई है तथा अधिकारियों व अपने अन्य स्रोतों से इस बारे में जानकारी जुटाने में लगे हुए हैं। इन शिक्षकों का कहना है कि उनकी भर्ती के समय ऐसा कोई निर्देश नहीं था कि उनकी नियुक्ति रमसा के तहत की गई है तथा अचानक उन्हे रमसा में शामिल करना समझ से परे है।
क्या है रमसा
राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान प्रदेश के स्कूलों में कक्षा नोवी से बारहवीं तक के विद्यार्थियों को बेहत्तर शिक्षा व अन्य सुविधाए उपलब्ध करवाने के लिए केंद्र सरकार ने शुरू किया था। यह कक्षा पहली से आठवीं तक चलाए जा रहे सर्व शिक्षा अभियान की तरह का अभियान है जिसकी एक समय सीमा तय है। इसका बजट केन्द्र सरकार तय करती है। अब सवाल यह उठता है कि जब इस अभियान की समय सीमा खत्म हो जाएगी तो इन शिक्षकों का क्या होगा?
नहीं मिला है दो माह से वेतन
गत वर्ष भर्ती किए गए इन अध्यापकों को अब तक विभाग की प्लान स्कीम के तहत बजट आवंटित कर वेतन दिया जाता रहा है लेकिन बजट के अभाव में गत दो माह से इन अध्यापकों को वेतन नहीं मिला है।
मुङो नहीं जानकारी : निर्मल
जिला शिक्षा अधिकारी निर्मल श्योराण ने बताया कि उन्होंने इस बारे में कोई जानकारी नहीं है। प्लान स्कीम का बजट आ चुका है। पीजीटी शिक्षकों को रमसा के अधीन करने संबंधी यदि कोई निर्देश आया है तो वह कार्यालय में देखकर ही बता पाएंगी। djbhwn
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