चंडीगढ़ : सरकारी स्कूलों से अपनी नौकरी गंवा चुके कंप्यूटर लैब सहायकों ने आर-पार की लड़ाई का एलान कर दिया है। अनुबंध न बढ़ाने का निर्णय वापस लेने के लिए मुख्यमंत्री, शिक्षा मंत्री और अधिकारियों से कई बार मुलाकात कर चुके सहायकों ने सरकार के ढुलमुल रवैये को देखते हुए आमरण अनशन करने का फैसला लिया है। पंचकूला में शिक्षा निदेशालय के बाहर धरना स्थल पर हुई लैब सहायकों की प्रदेश कार्यकारिणी की बैठक में 19 मई से सामूहिक अनशन शुरू करने पर सर्व सहमति बनी।
आमरण अनशन करने वाले लैब सहायकों की संख्या अभी तय नहीं की गई है। सरकारी स्कूलों में बीते एक वर्ष से सेवाएं दे रहे सहायकों को अनुबंध आगे बढ़ने की उम्मीद थी, लेकिन स्कूल शिक्षा विभाग ने बीते महीने सभी 2622 कर्मियों की सेवाएं समाप्त कर दी। सरकार इनका अनुबंध आगे न बढ़ाने का निर्णय लेकर नियुक्तियों को बैक डोर एंट्री करार दे चुकी है। लैब सहायक अनुबंध बढ़ाने के लिए लगभग 63 दिनों से शिक्षा निदेशालय के बाहर आंदोलनरत हैं। इस दौरान कई बार शिक्षा विभाग के अधिकारियों से भी वार्ता हुई, लेकिन नतीजा कुछ नहीं निकला है। बृहस्पतिवार को सहायकों का प्रतिनिधिमंडल शिक्षा मंत्री रामबिलास शर्मा से मिलने उनके चंडीगढ़ निवास पर पहुंच था, लेकिन वार्ता न होने पर निराशा ही हाथ लगी। इसी दिन कंप्यूटर लैब सहायक संघ ने आंदोलन तेज करने की घोषणा कर दी थी। संघ के राज्य प्रधान सुरेंद्र प्योंत ने कहा कि उनके सब्र का बांध अब टूट रहा है। सरकार आश्वासन देकर ही काम चला रही है। न तो उनका अनुबंध बढ़ाया गया न ही अभी तक 20 महीने का बकाया वेतन मिला है। सभी लैब सहायकों से विचार-विमर्श के बाद आमरण अनशन का निर्णय लिया है। dj
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