चंडीगढ़ : ग्यारहवीं के 3125 छात्रों को डिमोट कर नौवीं कक्षा में करने के मामले में पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने सरकार और स्कूल शिक्षा बोर्ड से जवाब मांगा है।
जस्टिस जीएस संधावालिया ने मामले पर 16 जून के लिए सुनवाई तय की है। मून लाइट हाई स्कूल और अन्यों की तरफ से याचिका दायर की गई है। जिसमें कहा गया कि बोर्ड ने नौंवी कक्षा में दाखिले के लिए दिए गए स्कूल लिविंग सर्टिफिकेट को जाली बताते हुए दसवीं पास कर चुके ग्यारहवीं के छात्रों को डिमोट पर नौंवी कक्षा में कर दिया है।
याचिका में कहा गया कि छात्रों ने हरियाणा ओपन स्कूल कैटेगरी में वर्ष 2013 मंे दसवीं कक्षा पास कर ली और उन्हें ग्यारहवीं कक्षा में प्रमोट कर दिया गया। दसवीं कक्षा पास करने के बाद अब सर्टिफिकेट को फर्जी बताना इन छात्रों के भविष्य से खिलवाड़ है। क्योंकि स्कूल लििवंग सर्टिफिकेट की जांच करना शिक्षा विभाग का काम है। ऐसे में बोर्ड के फैसले को खारिज किया जाए। db
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