.

.

Breaking News

News Update:

How To Create a Website

Sunday, 14 June 2015

घटेगा मौलिक मुख्याध्यापकों का रुतबा

चंडीगढ़ : हरियाणा में सीनियर सेकेंडरी व हाई स्कूलों के अधीन चल रहे मिडिल स्कूलों के मुख्याध्यापकों को मनोहर सरकार ने करारा झटका दिया है। रेशनेलाइजेशन में अंडर कांप्लेक्स मिडिल स्कूलों के मुख्याध्यापकों की गिनती अब शिक्षक के तौर पर ही होगी। शिक्षा निदेशालय ने जिला शिक्षा अधिकारियों को इनसे अध्यापन कार्य लेने के मौखिक आदेश जारी कर दिए हैं। मुख्याध्यापकों को वर्क लोड के आधार पर पीरियड आवंटित किए जाएंगे। इसका असर तीन हजार मौलिक मुख्याध्यापकों पर पड़ेगा। इससे इतने ही पद शिक्षकों के और सरप्लस हो जाएंगे।     
द्वितीय श्रेणी के दर्जे और आहरण एवं वितरण शक्तियों की लंबे समय से मांग कर रहे मौलिक मुख्याध्यापकों के रुतबे पर भी स्कूल शिक्षा विभाग के इस निर्णय से असर पड़ेगा। सरकार की फाइलों में उनकी गिनती मुख्याध्यापक के बजाए शिक्षक के तौर पर ही होगी। इनकी नियुक्तियों के समय सेवा नियमों में वर्क लोड का प्रावधान नहीं था। अब शिक्षा विभाग नई व्यवस्था लागू करने जा रहा है, जिससे मुख्याध्यापकों के हित प्रभावित होंगे। जून महीने के अंत तक विभाग ने रेशनेलाइजेशन का काम पूरा करने का लक्ष्य रखा है। जुलाई में अवकाश के बाद कक्षाएं शुरू होने पर निदेशालय मुख्याध्यापकों से अध्यापन कार्य लेने का पत्र भी जारी कर देगा। स्कूलों में सेवाएं दे रहे गेस्ट टीचर्स पर विभाग के इस निर्णय का प्रतिकूल असर पड़ना तय है। चूंकि मुख्याध्यापकों को कक्षाएं आवंटित होने पर सरप्लस टीचर्स में गेस्ट ही दिखाए जाएंगे।
अपने ही नियम बदलेगा विभाग 
मौलिक स्कूल मुख्याध्यापकों की नियुक्ति वित विभाग को शिक्षा विभाग की ओर से 30.02.2008 को मुख्यमंत्री द्वारा अनुमोदित प्रस्ताव के तहत 24.05.2010 को हुई है। 18.08.2011 को शिक्षा विभाग ने हाईकोर्ट में शपथ पत्र संख्या सीडब्ल्यूपी 19329/2010 दिया हुआ है। इसके अनुसार मुख्याध्यापकों से अध्यापन कार्य लेना हाईकोर्ट के आदेशों का उल्लंघन है। चूंकि नियुक्ति के समय वर्क लोड का प्रावधान नहीं किया गया है। ऐसी स्थिति में विभाग अपने ही नियमों को बदलेगा। 
मुख्याध्यापकों का सुनेंगे पक्ष
स्कूल शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव टीसी गुप्ता का कहना है कि मुख्याध्यापकों का प्रतिवेदन उन्हें मिला है। शिक्षकों की आपत्तियां सुनी जाएंगी। नियमों में निहित प्रावधान के अनुसार विचार-विमर्श कर निर्णय लिया जाएगा।                                              dj

No comments:

Post a Comment

Note: only a member of this blog may post a comment.