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Thursday, 7 April 2016

न कंप्यूटर, न बजट, भेज दिया फरमान शिक्षक ऑनलाइन करें बच्चों के रिकार्ड

** दुविधा : बैठक में बोले शिक्षक- लेटर जारी किया, 1200 रुपए मिलेंगे, सालभर में एक बार भी नहीं मिले 
रेवाड़ी : शिक्षा विभाग का फरमान, सभी बच्चों के रिकार्ड पूरी तरह ऑनलाइन करना होगा, चाहे एडमिशन हो या फिर मंथली और वार्षिक परीक्षाओं के डाटा। 
अब सरकारी प्राइमरी स्कूलों की हकीकत देखिए, ना तो यहां कंप्यूटर है और ना ही इंटरनेट सुविधा का कोई दूसरा विकल्प। बजट तक विभाग की ओर से अभी तक जारी नहीं किया गया है। ऐसे में पूरा भार शिक्षकों की अपनी जेब पर और उस पर कई किलोमीटर भागदौड़ अलग से। अधिकारियों का तर्क है विभाग पहले ही लेटर जारी कर चुका है कि हर स्कूल को प्रत्येक माह रिकार्ड ऑनलाइन कराने के लिए 1200 रुपए का बजट भेजा जाएगा। इधर, शिक्षक संगठन की शिकायत ये कि, अभी तक तो एकबार भी नहीं मिला, फिर कब मिलेगा बजट। 
एडमिशन के बाद शाम तक ही कराएं ऑनलाइन 
बेशक शिक्षक खुद ऑनलाइन योजना को सराह रहे हैं, लेकिन डाटा ऑनलाइन के लिए सुविधा नहीं की परेशानी के समाधान की मांग रख रहे हैं। बुधवार को महाराणा प्रताप चौक स्थित नेहरु पार्क में जिला प्रधान चंद्रहास की अध्यक्षता में प्राथमिक शिक्षक संघ की बैठक भी हुई। इसमें प्रधान चंद्रहास महासचिव संदीप यादव ने कहा कि प्राथमिक स्कूलों में कंप्यूटर हैं ही नहीं, और ही बजट जारी हुआ है तथा कोई ऑपरेटर भी नियुक्त नहीं है। इस कारण शिक्षकों को अपनी जेब से पैसे खर्च कर रिकॉर्ड ऑनलाइन कराना पड़ रहा है। पूर्व महासचिव सुधीर यादव, पूर्व प्रधान सुरेंद्र अन्य वक्ताओं ने कहा कि विभाग ने एमआईएस पोर्टल की अच्छी पहल की है। लेकिन इससे पहले रिकॉर्ड ऑनलाइन करने के लिए कंप्यूटर, ऑपरेटर बजट की व्यवस्था की जानी चाहिए थी। इसी मुद्दे को लेकर 11 अप्रैल को फिर से प्राथमिक शिक्षकों की बैठक होगी। 
साइबर कैफे पर खर्च हो रहे हैं 20-40 रुपए तक 
वक्ताओं ने कहा कि हाल ही में विभाग की ओर से लेटर जारी किया गया है कि एडमिशन वाले दिन ही बच्चे का रिकार्ड शाम तक ऑनलाइन करा दिए जाए। स्कूल में सुविधा नहीं होने के कारण शिक्षकों को अब दूर-दराज शहर के साइबर कैफे पर जाना पड़ रहा है। काफी इंतजार समय खर्च करने के बार डाटा ऑनलाइन हो पा रहा है। साथ ही साइबर कैफे पर 20 से 40 रुपए तक खर्च करना पड़ रहा है। 
समस्या ये भी : किताबें भी नहीं पहुंचीं 
शिक्षकोंने अभी तक स्कूलों में किताबें नहीं पहुंचने पर भी चिंता जताई। शिक्षकों का कहना है कि गत माह किताबें जानी चाहिए थीं, ताकि बच्चों की पढ़ाई शुरू करा सकें लेकिन अप्रैल में भी किताबें नहीं आई हैं। वहीं खेल-खेल में पढ़ाई के लिए पिछली बार की तरह इस बार कक्षा तत्परता कार्यक्रम के संबंध में भी कोई पत्र जारी नहीं हुआ है। उन्होंने मांग की कि किताबें जल्द से जल्द भेजी जाएं। 
विभाग के निर्देश हैं तो 1200 रुपए मिलेंगे : डीईईओ 
"डाटा ऑनलाइन के लिए विभाग हर स्कूल को प्रतिमाह 12 सौ रुपए देने के निर्देश जारी कर चुका है। निर्देश हुए हैं तो बजट जरूर मिलेगा। विभाग ने एमअाईएस पोर्टल की सराहनीय पहल की है, जिससे पूरी तरह पारदर्शिता आएगी।"-- रामपाल सांगवान, जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी                                                     db

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