चंडीगढ़ : प्रदेश की कांग्रेस सरकार द्वारा भर्ती किए गए 1983 पीटीआइ शिक्षकों की भर्ती में कर्मचारी चयन आयोग द्वारा बरती गई अनियमितताएं तो उजागर हुई ही हैं। साथ ही चयन प्रक्रिया शुरू होने के बाद लिस्ट में मनमर्जी से बदलाव करने और आयोग में चेयरमैन के अलावा आठ सदस्य होने के बावजूद लगभग सभी फैसले चेयरमैन द्वारा अपनी मर्जी से लिए गए हैं। हाई कोर्ट ने अपने फैसले में यह टिप्पणी की है। यह जानकारी विधायक अभय चौटाला ने मंगलवार को यहां दी। 1 उन्होंने कहा कि जब यह भर्ती हुई, उस समय आयोग के चेयरमैन मुख्यमंत्री के करीबी रिश्तेदार नंदलाल पूनिया थे। 2010 में की गई पीटीआइ टीचरों की इस भर्ती को चयन से वंचित उम्मीदवारों ने चुनौती दी थी। याचिकाकर्ताओं ने आरोप लगाया था कि चयनित 14 उम्मीदवार तो ऐसे थे कि जो पूरे 25 या 25 कम अंक देने पर भी चयनित नहीं किए जा सकते थे। शैक्षणिक योग्यता पूरी न करने वाले, फेल प्रत्याशी व पूर्व सैनिकों के शादीशुदा बच्चे भी चयनित हो गए। कई चयनितों के प्रमाण पत्रों के फर्जी होने का भी आरोप लगाया गया। dj
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