बरवाला : प्रदेश सरकार ने हरियाणा को शिक्षा का हब बनाने के लिये बेशक बहुत सी योजनाओं को अमलीजामा पहनाया हो। काफी योजनाओं के चलन के चलते शिक्षा के स्तर में सुधार भी हुआ हैं। लेकिन जिस प्रकार प्रत्येक सिक्के के दो पहलु होते हैं, उसी प्रकार इन योजनाओं के भी सकारात्मक एवं नकारात्मक दोनों ही पहलु हैं। सरकारी योजनाओं के इन नकारात्मक पहलुओं को जनता के सामने लाने के लिये अब अध्यापक यूनियन ने ही कमर कस ली है। सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा एवं स्कूल टीचर्स फैडरेशन ऑफ इंडिया से सम्बद्ध ‘हरियाणा विद्यालय अध्यापक संघ -93′ ने बरवाला में बैठक कर सरकार के खिलाफ शिक्षा के क्षेत्र में बिगुल फूंकने की घोषणा भी कर दी है। योजना के तहत संघ से जुड़े अध्यापकगण स्कूल समय के बाद गांवों में जाकर नुक्कड़ सभाओं के माध्यम से प्रदेश सरकार की स्टूडेंट्स व टीचर विरोधी नीतियों की पोल खोलेंगे।
मामले के संबंध में हरियाणा राजकीय अध्यापक संघ की ब्लॉक कमेटी की बैठक सर्व कर्मचारी संघ के कार्यालय में संघ के खंड अध्यक्ष फूल सिंह सरसौद की अध्यक्षता में हुई। बैठक का संचालन रमेश बुगाना ने किया। बैठक को संबोधित करते हुए सरसौद ने कहा कि सरकार की छात्र-शिक्षक विरोधी नीतियों के खिलाफ संगठन 20 अक्टूबर को बरवाला के अनंतराम योगाश्रम में ‘जन शिक्षा बचाओ-जन शिक्षा बढ़ाओ’ विषय पर एक सेमिनार का आयोजन करेगा।
सेमिनार में ब्लॉक के छात्र, शिक्षक, अभिभावक, समाजसेवी व विपक्षी पार्टियों के कार्यकर्ता शिरकत करेंगे। अध्यापक नेता ने कहा कि सेमिनार से पहले संघ के नेता व कार्यकर्ता गांव-गांव जाकर नुक्कड़ सभाएं कर सरकार की नीतियों की पोल खोलने का काम करेंगे।
बैठक को संबोधित करते हुए अध्यापक संघ के जिला प्रधान सुरेंद्र सैनी ने कहा कि सरकार जन शिक्षा के विस्तार की बजाए इसे सिकोडऩे का कार्य कर रही है। उन्होंने कहा कि शिक्षा स्तर के 9 माह बीत जाने के बाद भी बच्चों के पास पुस्तकें नहीं पहुंच पाई हैं। इस सबके बावजूद कांग्रेस पार्टी शिक्षा का अधिकार देने का ढिंढोरा पीट रही है। dt
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