** सात नवंबर से शुरू होनी है उत्तर पुस्तिकाओं की जांच
रोहतक : हरियाणा स्कूल प्राध्यापक संगठन (हसला) की राज्य कार्यकारिणी ने सरकार के टालमटोल एवं हठधर्मिता पूर्ण रवैये के कारण संघर्ष के तीसरे चरण के तहत 7 नवंबर से इस माह में शुरू होने जा रही हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड की 12वीं की उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन का पूर्ण रूप से बहिष्कार करने का निर्णय लिया है।
हसला के प्रांतीय अध्यक्ष दयानंद दलाल ने तीसरे चरण के संघर्ष का ऐलान करते हुए बताया कि पूरे राज्य में कार्यरत सभी प्राध्यापकों में सरकार की अनदेखी एवं भेदभावपूर्ण रवैये के कारण भारी रोष है। मुख्यमंत्री के द्वारा विभिन्न मंचों के माध्यम से यह कहा जाना कि कोई भी संगठन अपनी गैर वित्तीय एवं न्यायसंगत मांगों के लिए आधी रात को भी आ सकता है महज एक ढकोसला है, क्योंकि हसला की 90 प्रतिशत मांगें गैर वित्तीय हैं। इसका प्रमाण है कि हसला की वर्ष 2011 में 19 व 20 अप्रैल को बच्चों के हित को ध्यान में रखते हुए उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन के बहिष्कार को वापस ले लिया था, परंतु सरकार ने अबतक कोई ध्यान नहीं दिया।
हसला के प्रांतीय अध्यक्ष दयानंद दलाल ने तीसरे चरण के संघर्ष का ऐलान करते हुए बताया कि पूरे राज्य में कार्यरत सभी प्राध्यापकों में सरकार की अनदेखी एवं भेदभावपूर्ण रवैये के कारण भारी रोष है। मुख्यमंत्री के द्वारा विभिन्न मंचों के माध्यम से यह कहा जाना कि कोई भी संगठन अपनी गैर वित्तीय एवं न्यायसंगत मांगों के लिए आधी रात को भी आ सकता है महज एक ढकोसला है, क्योंकि हसला की 90 प्रतिशत मांगें गैर वित्तीय हैं। इसका प्रमाण है कि हसला की वर्ष 2011 में 19 व 20 अप्रैल को बच्चों के हित को ध्यान में रखते हुए उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन के बहिष्कार को वापस ले लिया था, परंतु सरकार ने अबतक कोई ध्यान नहीं दिया।
ये हैं हसला की मांगें
हसला की प्रमुख मांगों में प्राध्यापकों को ग्रेड पे 5400 प्रदान करना, प्राचार्य पदों पर पदोन्नति का अनुपात न्यायसंगत करना, योग्यता रखने वाले स्कूल प्राध्यापकों को कॉलेज कैडर में पदोन्नति देना एवं पदनाम पीजीटी की बजाए प्राध्यापक रखना, उपरोक्त मांगे सरकार द्वारा जायज मानते हुए हसला की राज्य कार्यकारिणी ने बैठक कर संघर्ष जारी रखने का फैसला लिया। db
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