नूंह (मेवात) : वित्तायुक्त एवं प्रधान सचिव सुरीना राजन ने कहा कि हाईकोर्ट के आदेशानुसार 1983 पीटीआइ अध्यापकों को हटाने पर विभाग पूरी तरह से गंभीर है।
सरकार ने स्टाफ सेलेक्शन बोर्ड को कहा है कि वह पांच माह में उक्त पीटीआइ का नया सेट उन्हें दें, और वह भर्ती करें। ताकि स्कूलों में छात्रों की पढ़ाई प्रभावित न हो। यहां एक कार्यक्रम में आई सुरीना राजन पत्रकारों से बातचीत कर रही थीं। 2010 में शिक्षा विभाग ने प्रदेश के स्कूलों में 1983 पीटीआइ लगाए थे। इस भर्ती में लगे कुछ पीटीआइ ऐसे पाए गए हैं जिन्हांेने जरूरी डिप्लोमा किए बिना ही नौकरी पा ली। इसके अलावा और भी कई प्रकार की अनियमितताएं सामने आई हैं। मामला गर्माने पर कुछ लोगों ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया। जिसमें गत वर्ष अदालत की एक बेंच ने भर्ती को रद कर दिया था। अब फिर डबल बेंच ने इस भर्ती को रद करने के आदेश दोहराते हुए उक्त अध्यापकों को नौकरी से निकालने के आदेश दिए हैं। लेकिन सरकार ने अभी तक इन्हें हटाया नहीं है।1मालूम हो कि हाईकोर्ट के निर्णय के विरोध में न तो सरकार ने न ही हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग ने सुप्रीम कोर्ट में अपील दायर की है। इससे तय हो गया है कि पीटीआइ शिक्षकों की नौकरी जाना तय है। शिक्षा विभाग की प्रधान सचिव सुरीना राजन ने कहा कि इसमें सरकार सीधी पार्टी नहीं है। कर्मचारी चयन आयोग इस मामले में जवाबदेह है। न तो अभी तक आयोग ने कोई अपील दायर की है, न ही सरकार आगे जाएगी। सरकार ने हाईकोर्ट के फैसले का सम्मान करते हुए तय समयसीमा में नए पीटीआइ की भर्ती करने के लिए चयन आयोग से आवेदन मंगाने को कहा है ताकि हाईकोर्ट के आदेश पर हटाए जाने वाले पीटीआइ के स्थान पर नई नियुक्तियां की जा सकें। dj
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