.

.

Breaking News

News Update:

How To Create a Website

Friday, 15 November 2013

....ताकि सरकारी स्कूलों के बच्चे भी बोल सकें फर्राटा अंग्रेजी व हिन्दी

** सरकारी स्कूलों में बनेगा रीडिंग कार्नर, पढ़ने की क्षमता का किया जाएगा विकास
** पहली से पांचवीं कक्षा तक के विद्यार्थियों के लिए होगी योजना
गुड़गांव : अक्सर सरकारी स्कूलों में विद्यार्थियों को भाषा बोलने में एक ङिाझक रह जाती है, जो बड़ी कक्षाओं तक भी बनी रहती है। इसी के अनुसार उसके व्यक्तित्व का विकास भी होता है। प्रजेंटेशन के इस दौर में अब विद्यार्थियों में केवल एकेडमिक योग्यता ही मायने नहीं रखती इस बात को समझते हुए अब सरकारी स्कूलों के विद्यार्थियों में रीडिंग स्किल्स बढ़ाने के लिए सरकार कदम उठा रही है। इसके लिए सरकारी स्कूलों में रीडिंग कॉर्नर बनाए जाने की योजना पर काम शुरू हो गया है।
सरकारी स्कूलों में बनेगे रीडिंग कार्नर :
राष्ट्रीय मानव संसाधन व विकास मंत्रलय और एजुकेशन सेंटर ऑफ इंडिया लिमिटेड के सहयोग से सर्व शिक्षा अभियान के तहत योजना की प्रक्रिया शिक्षकों के प्रशिक्षण के साथ शुरू हो गई है। इसके लिए एससीईआरटी (राज्य शैक्षणिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद) में तीन दिवसीय वर्कशॉप हुई, जिसमें शिक्षकों को यह प्रशिक्षण दिया गया कि किस तरह से स्कूलों में वे पहली से पांचवीं कक्षा तक के विद्यार्थियों में ‘रीडिंग’ क्षमता का विकास कर सकते हैं। इसके लिए प्रदेश के हर जिले से अंग्रेजी व हिंदी विशेषज्ञ बुलाए गए। सर्व शिक्षा अभियान की कंसल्टेंट कल्पना के मुताबिक विद्यार्थियों में अगर शुरू से ही पढ़ने की आदत डाली जाए तो वे अपने आप को प्रजेंट कर पाने में भी सक्षम हो सकेंगे और उनके मन से ङिाझक भी दूर होगी साथ ही भाषा भी मजबूत होगी। कल्पना के मुताबिक अब यह प्रशिक्षित विशेषज्ञ स्कूलों में जाकर विद्यार्थियों को सिखाएंगे। 
स्कूलों में बनेगा रीडिंग कार्नर : 
इस योजना के तहत सभी स्कूलों में पहली से पांचवीं कक्षा तक के विद्यार्थियों के लिए रीडिंग कार्नर बनाए जाएंगे, जहां पर विद्यार्थी किताब पढ़ेंगे और फिर विशेषज्ञों की निगरानी में उनकी प्रतिभा को तराशा जाएगा। इस कार्नर में विद्यार्थियों के लिए समय निश्चित कर दिया जाएगा। बच्चे उसी दौरान पाठ्यक्रम की चीजों को बोल बोल कर पढ़ेंगे। सरकार की इस पहल से निश्चित रूप से सरकारी स्कूलों के विद्यार्थियों को फायदा होगा। अगर यह योजना पूरी तरह सिरे चढ़ी तो विद्यार्थियों में उन स्किल का विकास शुरुआती स्तर से ही किया जा सकेगा जो निजी स्कूलों के विद्यार्थियों में होती है और वे अपनी बात को बेहतर तरीके से लोगों के सामने रख सकेंगे।      dj

No comments:

Post a Comment

Note: only a member of this blog may post a comment.