रोहतक : 12वीं के प्रथम सेमेस्टर की उत्तरपुस्तिकाओं के मूल्यांकन कार्य का बहिष्कार करने की कड़ी में अब अतिथि अध्यापक भी मैदान में उतर आए हैं। हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड के आदेशानुसार अतिथि अध्यापकों को उत्तरपुस्तिकाओं की जांच का जिम्मा दिया गया था, लेकिन प्रदेशभर के अतिथि अध्यापकों ने शिक्षा बोर्ड के दोहरे रवैये पर नाराजगी जताते हुए मूल्यांकन कार्य करने से साफ इनकार कर दिया है।
गौरतलब है कि 10 वर्षों से अपनी मांगों को लेकर संघर्षरत हरियाणा स्कूल लेक्चर्स एसोसिएशन (हसला) के विरोध में 7 नवंबर से राज्य भर के 29 केंद्रों पर 3 लाख परीक्षार्थियों की उत्तरपुस्तिकाओं के मूल्यांकन का कार्य अटका हुआ है। जहां प्राध्यापकों का कहना है कि मांगे नहीं माने जाने तक उनका आंदोलन जारी रहेगा, वहीं अतिथि अध्यापकों का कहना है कि जब बोर्ड उन्हें मूल्यांकन के अयोग्य समझता हैं तो वे अब यह कार्य क्यूं करें?
"बोर्ड ने जब 12वीं की परीक्षा में ही अतिथि अध्यापकों को ड्यूटी से यह कहकर हटा दिया था कि वे गेस्ट हैं तो अब हसला द्वारा मार्किंग का बहिष्कार करने पर वे उन्हें याद आ गए हैं। वे मूल्यांकन कार्य नहीं करेंगे।"--जेबी राठी, जिला अध्यक्ष, गेस्ट टीचर्स एसो.
"अगर समय रहते उनकी मांगों को पूरा नहीं किया गया तो आंदोलन के अगले चरण की घोषणा जल्द ही कर दी जाएगी। प्रदेशभर के प्राध्यापक आर-पार की लड़ाई के लिए तैयार हैं"--दयानंद सिंह दलाल, प्रदेशाध्यक्ष, हरियाणा स्कूल लेक्चर्स एसोसिएशन। db
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