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Tuesday, 19 November 2013

उत्तरपुस्तिका मूल्यांकन: अब सीबीएसई से मांगी शिक्षा बोर्ड ने मदद

** उत्तरपुस्तिका मूल्यांकन का मामला 
पानीपत : हरियाणा बोर्ड ऑफ स्कूल एजुकेशन और हरियाणा स्कूल लेक्चरर एसोसिएशन (हसला) के बीच झगड़ा अब और बढ़ता नजर आ रहा है। मूल्यांकन का विरोध कर रहे हसला की मांगों को मानने की जगह बोर्ड अब मूल्यांकन की जिम्मेदारी सीबीएसई अध्यापकों को देने की तैयारी कर रहा है। बोर्ड व शिक्षा विभाग के अधिकारी इस बात की पुष्टि करने को अभी तैयार नहीं हैं, लेकिन बोर्ड के कुछ अधिकारियों का कहना है कि अंदरखाने बोर्ड के उच्च अधिकारी इस संबंध में सीबीएसई के अधिकारियों से बात कर रहे हैं। 
बता दें कि 12वीं प्रथम सेमेस्टर की उत्तरपुस्तिका का मूल्यांकन सात नवंबर से होना था। लेकिन, हसला ने अपनी मांगों को लेकर मूल्यांकन का बहिष्कार कर दिया। तब बोर्ड ने मूल्यांकन के लिए गेस्ट व प्राइवेट स्कूल टीचरों को निर्देश दिया। प्राइवेट स्कूल संचालकों ने जहां हसला के समर्थन में आकर मूल्यांकन से इनकार कर दिया, वहीं गेस्ट टीचरों ने मूल्यांकन के लिए अपनी मांगें रख दी। इसके बाद एडेड स्कूल के प्राध्यापकों को मूल्यांकन का निर्देश दिया गया, लेकिन एडेड स्कूलों में प्राध्यापकों की कमी के कारण मूल्यांकन नहीं हो पा रहा। 11 दिन बाद भी मूल्यांकन शुरू न हो पाने के कारण बोर्ड अब सीबीएसई बोर्ड की मदद लेने की कोशिश में लग गया है। बोर्ड के ही कुछ अधिकारियों ने बताया कि सीबीएसई बोर्ड के अधिकारियों से मदद मांगी गई है। दो तीन दिन में फैसला हो जाएगा। 
इधर, हसला के बहिष्कार का मुख्य कारण हाईस्कूल हेडमास्टर के बराबर ग्रेड-पे की मांग है। हसला के जिला उपप्रधान अनिल पंवार का कहना है कि मांगें पूरी होने तक उनका बहिष्कार जारी रहेगा। पांचवें वेतन आयोग सन 2000 तक स्कूल प्राध्यापकों एवं हाई स्कूल हेडमास्टरों का ग्रेड-पे एक समान था। लेकिन, इसके बाद हाईस्कूल हेडमास्टरों की ग्रेड पे में बढ़ोतरी होकर आज 5400 रुपए पहुंच गई है। जबकि, प्राध्यापकों की ग्रेड-पे अभी भी 4800 रुपए है। पंवार ने कहा कि दो साल पूर्व सरकार के साथ हुई बैठक में हसला की सभी मांगों को मान लिया गया था। 
लेकिन, मदद मुश्किल 
सीबीएसई बोर्ड से मदद मिलना मुश्किल है। सहोदया के महासचिव विजेंद्र मान का कहना है कि सीबीएसई बोर्ड अपने टाइट शेड्यूल के कारण हरियाणा बोर्ड की मदद नहीं कर सकता। लेकिन, अगर तैयार भी हो गया तो वह उपयुक्त नहीं होगा। क्योंकि दोनों बोर्ड में मूल्यांकन का अलग मानक होता है।       db

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