मतलौडा : हरियाणा शिक्षा बोर्ड बच्चों की पढ़ाई को लेकर कितनी गंभीर है, ये इसी से पता चलता है कि प्रथम सेमेस्टर की किताबें स्कूलों में तब भेजी गईं, जब प्रथम सेमेस्टर की परीक्षा शुरू होनी थी और भेजी गई किताबें भी हरियाणा बोर्ड के बजाय सीबीएसई बोर्ड की हैं, जो अध्यापकों और बच्चों के लिए परेशानी का सबब बन गई हैं।
दूसरे सेमेस्टर की पढ़ाई शुरू होने पर चला पता
हरियाणा शिक्षा बोर्ड द्वारा सर्व शिक्षा अभियान के तहत राजकीय स्कूलों में भेजी गई छठवीं कक्षा की रूचिरा नाम की संस्कृत की किताब सीबीएसई बोर्ड की है। इसका पता बुधवार को तब चला, जब प्रथम सेमेस्टर की परीक्षाएं खत्म होने के बाद मतलौडा के राजकीय सीनियर सेकेंडरी स्कूल में दूसरे सेमेस्टर की पढ़ाई शुरू हुई। अध्यापकों ने तब इस किताब को हरियाणा शिक्षा बोर्ड के सिलेबस से मिलाया तो पाया कि किताब सीबीएसई बोर्ड की ही है।
किताब के प्रथम तीन अध्याय एक हैं। कुल 15 में से मात्र 6 अध्याय ही आगे-पीछे मिले हैं। बाकी के 9 अध्याय सिलेबस से बाहर के हैं। अध्यापकों ने सरकार की इस लापरवाही के खिलाफ नाम नहीं छापने की शर्त पर जानकारी दी और पुरानी व नई, दोनों ही किताबों में भिन्नता दिखाई। हाल में ही आई संस्कृत की नई किताब आरपी प्रिंटर्स, जी-68, सेक्टर-6, नोएडा से और पुरानी किताब सरस्वती प्रिंटिंग प्रेस ए-95, सेक्टर-5 नोएडा से मुद्रित है।
नोटिस में नहीं है बात
इस बारे में बीईईओ नसीब सिंह का कहना है कि अभी तक उनके नोटिस में यह बात नहीं आई है और आज वह छुट्टी पर हैं। गुरुवार को कार्यालय आकर इसकी जांच कर आगे की कार्रवाई करेंगे। db
हरियाणा शिक्षा बोर्ड द्वारा राजकीय स्कूल में भेजी गई छठवीं कक्षा की रूचिरा के नाम से संस्कृत की किताब में भिन्नता।
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