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Monday, 10 March 2014

प्रोफेसरों ने कमीशन में 15 लाख मांगे

** चंडीगढ़ की कंपनी ने दी शिकायत, जीजेयू प्रशासन ने आरोपों पर शुरू की जांच      
हिसार : नेताओं और अफसरों पर तो कमीशनखोरी के आरोप लगते ही रहे हैं, लेकिन गुरु जंभेश्वर तकनीकी एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (जीजेयू)के दो प्रोफेसरों पर एक फर्म ने 15 लाख रुपये कमीशन मांगने का आरोप जड़ दिया है। चंडीगढ़ की स्वान इनवायरो एनालिटिकल प्राइवेट लिमिटेड ने दोनों प्रोफेसरों की शिकायत मुख्यमंत्री, राज्यपाल और कुलपति से की है। 
कंपनी के मुताबिक दोनों प्रोफेसरों ने कहा कि उपकरण उनसे ही खरीदेंगे लेकिन इससे पहले उन्हें 15 प्रतिशत कमीशन देना होगा। कंपनी के अनुसार जीजेयू के इनवायरमेंट साइंस एंड इंजीनियरिंग विभाग में उपकरण खरीदने के लिए 12 अगस्त, 2013 को कोटेशन मांगे गए। इसकी अंतिम तिथि 11 सितंबर, 2013 थी। 11 सितंबर को बीड ओपन हुई। इसमें एक ही फर्म ने बीड जमा करवाई। इसकी टेक्निकल और फाइनेंशियल बीड ओपन हुई। कंपनी का आरोप है कि वह अकेली ही कंपनी थी। ऐसे में दोनों प्रोफेसरों ने उन्हें ऑफिस बुलाया और कहा कि एक करोड़ के उपकरण की खरीद पर पहले उन्हें 15 लाख रुपये कमीशन दो। कंपनी ने कमीशन देने से मना कर दिया। इसके बाद प्रोफेसरों ने फाइनेंशियल बीड्स रिपोर्ट जमा करवाई और कंपनी को अयोग्य घोषित कर दिया। कंपनी के अनुसार टेक्नीकल और फाइनेंशियल बीड्स ओपन हो चुकी थी। उनसे उपकरण खरीदे जाने चाहिए। कंपनी का आरोप है कि कमीशन के लिए उन्हें अयोग्य घोषित किया गया है। 
शिकायत मिली, जांच जारी : रंगा 
जीजेयू के कुलपति डा. एमएल रंगा ने कहा कि कमीशन मांगने के आरोप मामले की शिकायत आई है। इस बारे में प्रशासनिक जांच की जा रही है। 
हाई पावर परचेज कमेटी को पता ही नहीं 
जीजेयू में 10 लाख से अधिक के उपकरण खरीदने के लिए हाई पॉवर परचेज कमेटी बनाई गई है। जो 10 लाख से अधिक का सामान खरीदने के लिए कार्य करती है। इनवायरमेंट साइंस विभाग में जो सामान खरीदा जाना था इस बारे में कमेटी को कोई जानकारी नहीं थी। इस बारे में कमेटी चेयरमेन डॉ. राजेश मल्होत्रा ने कहा कि उन्हें जानकारी नहीं है। यह मामला खरीद हाई पॉवर परचेज कमेटी के पास नहीं है। अलग कमेटी ने ही इस संबंध में कार्य किया होगा। उन्हें जानकारी नहीं है यह प्रशासनिक मामला है, इस बारे में प्रशासन ही बता सकता है। 
शोध में होता है प्रयोग 
ये उपकरण शोधार्थियों की ओर से किए जाने वाले शोध में उपयोगी है। शोधार्थियों की शोध उपकरणों के माध्यम से प्रभावित न हो इसके लिए उपकरणों को खरीदा जाना था। अभी तक ये उपकरण नहीं खरीदे गए हैं।
इन उपकरणों की होनी थी खरीद 

  • हाई परफॉर्मेंस लिक्यूड क्रोमेटोग्राफी सिस्टम 
  • माइक्रोवेव डाइजेस्टर एक्सट्रेक्शन सिस्टम 
  • टीओसी एनालाइजर 

इनका कहना है 
एप्लाइड फिजिक्स विभाग के प्रोफेसर 
मुझे तो मामले के बारे में ही नहीं पता है कि ऐसा कोई मामला भी है। मुझे कोई जानकारी नहीं। 
इनवायरमेंट साइंस एंड इंजीनियरिंग विभाग के प्रोफेसर 
इस बारे में मैं कुछ भी नहीं कहना चाहता।                                             db


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