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Tuesday, 11 March 2014

91 फीसदी स्कूलों में नहीं मिल रही वोकेशनल ट्रेनिंग

गुडग़ांव : राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद प्रदेश की 140 स्कूलों के बच्चों को पढ़ाई के साथ-साथ उनका करियर संवार रहा है, लेकिन अब भी 1500 स्कूलों के बच्चे इससे वंचित हैं। इसी के तहत सोमवार को एक वर्कशॉप का आयोजन किया गया। 
भारत सरकार द्वारा प्रस्तावित स्कीम के तहत राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद गुडग़ांव ने 9वीं से लेकर 12वीं कक्षा तक के बच्चों के लिए नेशनल वोकेशन एजुकेशनल प्रोग्राम चलाया। इसके अंतर्गत गुडग़ांव केंद्र पर फरीदाबाद की एक स्कूल सेंटर के लिए वर्कशॉप रखा गया। इस वर्कशॉप में रिटायर्ड कर्नल पीके सिंह और पूर्व डीईओ डॉ. मनोज कौशिक, प्रिंसिपल वीना वासुदेव और टीचर प्रवीण कुमार, विवेक शर्मा, जगदीशचंद्र, प्रेमलता यादव, रितू गांधी, कृष्णा डागर मौजूद थे। कर्नल ने सभी से कहा कि वे स्कूलों में देखें कि बच्चे कितना सीख रहे हैं और क्या कमी है। 
इन विषयों की दे रहे ट्रेनिंग : 
9वीं से 12वीं तक के बच्चों को के विषय में एक ऑप्शनल सब्जेक्ट और जोड़ा गया है। इसके तहत जो बच्चे जिस चीज में रुचि रखते हैं, उन्हें उस क्षेत्र के लिए योग्य बनाया जाता है। इसमें ब्यूटी एंड वेलनेस, स्पोट्र्स, सिक्युरिटी, आईटी, इनफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी और ऑटो मोबाइल्स, हेल्थ केयर की ट्रेनिंग दी जाती है। 
1700 में से 140 स्कूलों में ही सुविधा 
प्रदेश में तकरीबन 1700 हायर सेकंडरी स्कूल हैं। यह योजना 3 सितंबर 2012 से चल रही है। इसके तहत अभी तक सिर्फ 140 स्कूलों में ही यह योजना पहुंच सकी है। इस तरह से अब भी 91.7 प्रतिशत स्कूलों के बच्चे इस स्कीम से वंचित हैं। 
सैनिक देंगे सुरक्षा की ट्रेनिंग 
सुरक्षा की ट्रेनिंग देने के लिए मिलिट्री के लोगों को चुना जाता है। इससे सिक्युरिटी की नौकरी के लिए बच्चे स्कूली पढ़ाई में ही तैयार हो जाते हैं। इसी तरह से स्पोट्र्स ट्रेनिंग के लिए नेशनल या इंटरनेशनल खिलाडिय़ों को चुना जाता है। ऑटो मोबाइल्स ट्रेनिंग के लिए अच्छे मैकेनिकल्स को गेस्ट टीचर के तौर पर बुलाया जाता है। 
क्या है उद्देश्य 
एनवीईक्यूएफ के नरेंद्र डवास ने बताया कि यह योजना पूरी तरह से केंद्र सरकार की है। इसका उद्देश्य यह है कि कई बच्चे 10वीं या 12वीं के बाद नौकरी की तलाश में जुट जाते हैं। लेकिन बच्चों में योग्यता की कमी रहती है। इस योजना के तहत स्कूल में ही बच्चों को योग्य बनाया जाता है। इससे उनको आसानी से नौकरी मिल जाती है।                                                      db

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