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Monday, 10 March 2014

स्कूल में परीक्षा, गांव के लोग खुद रोक रहे नक़ल

** भिवानी के बामला गांव में शिक्षा के स्तर पर जोर, लोगों ने समझी जिम्मेवारी, प्रशासन से किया वादा निभाया
भिवानी : हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड प्रशासन भी नकल रोकने में नाकाम साबित हुआ तो बामला के लोगों ने खुद जिम्मेवारी संभाली। पंचायत के सदस्य पेपर शुरू होने से पहले ही स्कूल की बिल्डिंग के चारों ओर खड़े हो जाते हैं और वे पेपर खत्म होने के बाद ही बाहर जाते हैं। तब तक किसी भी बाहरी व्यक्ति को स्कूल की बिल्डिंग में प्रवेश नहीं करने दिया जाता। सही मायने में यहां परीक्षा समय में प्रशासन द्वारा लगाई धारा 144 का पालन हो रहा है। 
बामला में पिछले नौ साल से बोर्ड प्रशासन ने परीक्षा केंद्र नहीं बनाया था। इस कारण बामला स्कूल के विद्यार्थियों को 10वीं व 12वीं की परीक्षा देने के लिए भिवानी या खरक आदि परीक्षा केंद्रों में जाना पड़ता था। पंचायत ने बोर्ड प्रशासन व जिला प्रशासन से मिलकर गांव में ही परीक्षा केंद्र बनाने का अनुरोध किया था। इस पर बोर्ड व जिला प्रशासन ने पंचायत सदस्यों से परीक्षा केंद्र को सुचारू रूप से चलाने का आश्वासन लिया था। इसी वादे पर गांव के राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय में इस साल दूसरे सेमेस्टर की परीक्षा के लिए परीक्षा केंद्र बनाया। पिछले दो दिनों से चल रही परीक्षा से तो साबित हो रहा है कि पंचायत प्रशासन को दिए वादे को परीक्षा केंद्र को सुचारू रूप से चला कर निभा रही है। 
विद्यार्थियों के हित का काम 
धामाण खाप के प्रतिनिधी बलबीर पूनिया ने बताया कि हमने गांव के विद्यार्थियों के हित में यह कदम उठाया है। गांव की दोनों पंचायतों ने सरपंच सुधीर पहलवान व जोगेंद्र ग्रेवाल की अगुवाई में यह अहम फैसला लिया गया। जिस पर गांव के पंचायत सदस्य व मौजिज व्यक्ति बोर्ड प्रशासन व जिला प्रशासन से मिले। पंचायत प्रतिनिधियों द्वारा बोर्ड को सुचारू रूप से परीक्षा चलाने का आश्वासन के बाद परीक्षा केंद्र बनवा दिया। मुख्याध्यापक जयबीर नाफरिया ने बताया कि बाहरी हस्तक्षेप को रोकने में गांव के मौजिज व्यक्तियों का पूर्ण सहयोग मिल रहा है।                                    db



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