जींद : गली-मोहल्लों में जागरूकता रैलियां निकाली। मम्मी-पापा की अंगुली पकड़कर बच्चे स्कूल पहुंचे। उन बच्चों को स्कूल लाने पर जोर दिया जो कि गरीब तबके के हैं और स्कूल नहीं पहुंच पा रहे हैं। अवसर था रविवार को जिलेभर के सरकारी स्कूलों में शिक्षा विभाग द्वारा मनाए गए प्रवेश उत्सव का।
परिणाम घोषित, पर नहीं दे पाए रिपोर्ट कार्ड
23 मार्च का दिन प्रवेश उत्सव के रूप में मनाया गया। इस दिन जिले के सभी स्कूलों में विभिन्न कक्षाओं के परिणाम घोषित किए गए। इसके पश्चात स्कूल प्रबंधन समिति की बैठक आयोजित की गई, जिसमें साल भर स्कूल में हुए विकास कार्यों का लेखा-जोखा रखा गया और उसका सोशल ऑडिट हुआ। इस उत्सव पर उत्तीर्ण हुए स्कूली बच्चों को अगली कक्षाओं के लिए प्रवेश फार्म भरवाए गए। बच्चों को परिणाम के रिपोर्ट कार्ड भी दिए जाने थे, लेकिन कई जगह कार्ड तैयार न होने के कार बंट नहीं पाए। रिपोर्ट कार्ड में बच्चे से संबंधित साल भर की गतिविधियों का उल्लेख दर्ज किया जाना है।
स्कूली बच्चों को अध्ययन के लिए पुस्तकें इस उत्सव पर उपलब्ध करवाई गईं। रविवार को प्रवेश उत्सव में एसएमसी के पुनर्गठन करने जैसे कार्य भी पूरे करवाए गए। जिले में इस उत्सव का शुभारंभ जींद के अतिरिक्त उपायुक्त एवं सर्व शिक्षा अभियान के अध्यक्ष जयबीर सिंह आर्य ने जींद के राजकीय कन्या वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय से किया, जबकि अध्यक्षता जिला शिक्षा अधिकारी जोगेंद्र हुड्डा ने की। राजकीय स्कूल डिफेंस कॉलोनी में प्राचार्य सुभाष ढांडा और राजकीय कन्या स्कूल में प्राचार्य आजाद लाठर के नेतृत्व में प्रवेश उत्सव मना। शिक्षा विभाग की तरफ से अभियान की समीक्षा करने के लिए सहायक निदेशक रूपा सैनी पहुंची।
यह है सरकारी योजना
सर्व शिक्षा अभियान के तहत सभी सरकारी स्कूलों के पहली से लेकर आठवीं कक्षा तक के विद्यार्थियों को मुफ्त शिक्षा देने की योजना है। मगर लचर व्यवस्था के चलते पिछले कई वर्षों से समय पर पुस्तकें स्कूलों में नहीं भेजी जा रहीं हैं। बच्चों की पिछले साल की छात्रवृत्ति भी अभी तक नहीं मिली है।
स्कूलों में हो बेहतर व्यवस्था
"सरकारी स्कूलों में बेहतर व्यवस्था की कमी है। शिक्षा पर भारी भरकम बजट है। शिक्षकों का वेतन खूब है। बावजूद इसके स्कूल पहुंचने वाले बच्चों को बेहतर शिक्षा की कमी देखने में आती है।"--निर्मला, अभिभावक कृष्णा कॉलोनी, जींद
बच्चों को मिले अच्छी शिक्षा
"सरकारी स्कूलों में बच्चे महज भोजन खाने नहीं पहुंचते हैं। उन्हें अच्छी शिक्षा दी जानी चाहिए। सरकार ने ही सरकारी स्कूलों में शिक्षा व्यवस्था बिगाड़ा है। किसी बच्चे का नाम नहीं कटेगा, फेल नहीं होगा, टीचर डांटेगा नहीं। ऐसे में कैसे बच्चे पढ़ेंगे।"--शीला, अभिभावक, विजय नगर, जींद
बेहतर शिक्षा पर जोर
"शिक्षा से एक भी बच्चा वंचित न रहे। इसके लिए सर्व शिक्षा अभियान के तहत शत प्रतिशत बच्चों को स्कूलों में प्रवेश दिलाकर उन्हें विद्या अध्ययन के लिए प्रेरित किया जा रहा है। विशेषकर लड़कियां स्कूलों में प्रवेश लेने से वंचित न रहें।"--जयबीर सिंह, एडीसी जींद
निजी की तुलना में पिछड़ रहे सरकारी
निजी स्कूलों द्वारा अभिभावकों और बच्चों के दिमाग में जगह बनाने के लिए प्रचार पर भारी भरकम राशि खर्च की जा रही है। केबल नेटवर्क और अखबार में विज्ञापन के साथ पंफलेट छपवाने, इश्तिहार लगवाने और यहां तक की प्रचार गाडिय़ों पर भी राशि खर्च की जा रही है। महंगाई के दौर में बढ़े शिक्षकों के वेतन खर्च और सुविधाओं के खर्च साल भर चलते हैं। बावजूद इसके निजी स्कूलों में बेहतर शिक्षा के नाम पर लगातार छात्र संख्य बढ़ रही है और सरकारी स्कूल छात्र संख्या में पिछड़ते जा रहे हैं। db
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