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Saturday, 22 March 2014

शिक्षकों ने किया प्रतिभा परीक्षा का बहिष्कार

करनाल : हरियाणा विद्यालय अध्यापक संघ ने स्कूलों में दाखिले के सीजन को प्रवेश उत्सव के रूप में मनाने का निर्णय लिया है। सरकार ने दाखिलाें को प्रवेश उत्सव का नाम दिया है। संघ का कहना है कि प्रवेश उत्सव का विचार सरकार व विभाग ने अध्यापक संघ से सीखा है।अध्यापक पिछले 2008 से लगातार प्रवेश उत्सव मनाता आ रहा है, जिसमें अध्यापक अभिभावकों के सहयोग से स्कूलों में दाखिलों के लिए प्रचार व आह्वान करता है। इसके तहत पंफ्लेट्स, बैनर छपवा कर रैलियां निकालता है व जन शिक्षा नुक्कड़ सभाएं की जाएंगी। इस संदर्भ में शुक्रवार को अध्यापक संघ की बैठक हुई।
संघ के पूर्व प्रदेश सचिव कृष्ण कुमार निर्माण व जिला कोषाध्यक्ष मुनीष कुमार गुप्ता ने कहा कि संघ अपने स्तर पर दाखिला बढ़ाने का प्रयास करता है। इसी कड़ी में जन शिक्षा को लेकर जन शिक्षा सम्मेलन का आयोजन 24 मार्च को राजीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय करनाल में आयोजित किया जाएगा, जिसमें छात्र, अभिभावक, शिक्षक, जनता, महिलाएं शामिल होंगे। 
जिला प्रधान बलराज सिंह ने कहा कि 25 से 28 मार्च तक होने वाली 3 से 5वीं कक्षा तक के बच्चों की प्रतिभा परीक्षा का संगठन न केवल विरोध करेगा, बल्कि बहिष्कार करने का भी निर्णय ले सकता है। संघ परीक्षा नहीं व्यवस्था के खिलाफ है। उन्होंने मांग की कि पूर्व की भांति प्राथमिक शिक्षकों से ही पहली से पांचवीं की परीक्षाएं लिया जाना अनिवार्य किया जाए ताकि शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार हो सके।
ये मांगें उठाईं 

  • रविवार और 23 मार्च शहीदी दिवस के अवसर पर प्रवेश उत्सव मनाने की एवज में तमाम अध्यापकों को एक-एक दिन की सीसीएल दिया जाए। 
  • मिडल हेडमास्टर को तमाम शक्तियां देकर द्वितीय श्रेणी का दर्जा दिया जाए 
  • पीजीटी के पदों पर बीएड व विषय अनिवार्यता की शर्त को तत्काल वापस लिया जाए, ताकि हिंदी, संस्कृत, पंजाबी, उर्दू, पीटीआई शिक्षक भी पीजीटी पदों पर पदोन्नत हो सकें। 
  • स्कूलों में ढांचागत सुविधाएं दी जाएं। 
  • आठवीं की भी बोर्ड परीक्षा आरंभ की जाए। 
  • शिक्षा को प्रयोगशाला बनाना बंद किया जाए 
  • जेबीटी के लिए पदोन्नति चैनल खोले जाएं, ताकि सबको सम्मान मिल सके। 
  • कंप्यूटर टीचर, गेस्ट टीचर, पार्टटाइम कर्मी, एजुसेट चौकीदार, मिड-डे मील वर्कर को रेगुलर किया जाए। 
  • एसएमसी पदाधिकारियों को भी अलग से मानदेय दिया जाना चाहिए। नियम 134-ए का कड़ाई से पालन किया जाए 
  • पीजीटी अध्यापकों से केवल 11वीं 12वीं कक्षाओं का ही अध्यापन करवाया जाना चाहिए।                                             au

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