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Saturday, 22 March 2014

मिड-डे मील में दूध से बने व्यंजन हटाए

** शिक्षा निदेशालय ने 16 में से 6 पर चलाई कैंची, मीठी खीर, राजमा, भरवा परांठा, आटे की सेवियां, आलू -मटर अब नहीं
सरकारी पाठशाला में अपराह्न भोजन में नौनिहालों को परोसे जाने वाली थाली में दूध से बनने वाले व्यंजनों का स्वाद चखने को नहीं मिलेगा। हरियाणा मौलिक शिक्षा निदेशालय ने 16 प्रकार के व्यंजनों में से 6 पर कैंची चला दी है। अब घटकर केवल 10 प्रकार के व्यंजन ही बच्चों को मिड डे मील में परोसे जाएंगे। राजकीय स्कूलों में मीठी खीर, राजमा, भरवा परांठा, आटे की सेवियां, आलू और मटर का स्वाद चखने के लिए बच्चे अब तरस जाएंगे। हालांकि शिक्षा विभाग ने छह मैन्यू घटाने के बावजूद कुछ व्यंजनों में परिवर्तन भी किया है, इससे इन बच्चों के पौष्टिकता पर कोई असर नहीं पड़ेगा। अब सरकारी विद्यालय में बच्चों को साधारण रोटी दाल की जगह मिस्सी रोटी और मौसमी सब्जी व कढी पकौड़ा का जायका जीभ का स्वाद बढ़ाएगा। 
हरियाणा मौलिक शिक्षा निदेशालय द्वारा जारी किए गए मिड डे मील के नए मैन्यू में प्राइमरी व अपर प्राइमरी कक्षा में पढऩे वाले विद्यार्थियों के लिए अलग-अलग प्रकार से व्यंजनों का शेड्यूल जारी किया है। जिला भर के 1147 सरकारी विद्यालयों में पढ़ाई करने वाले कक्षा नर्सरी से आठवीं तक के लाखों विद्यार्थियों को मिड डे मिल का लाभ दिया जा रहा है। विभागीय सूत्रों की माने तो करीब डेढ़ लाख विद्यार्थियों को इसका लाभ मिल रहा है। विभाग ने पहले से दिए जा रहे कुछ मैन्यू में मामूली से बदलाव कर उन्हें लागू भी किया गया है। 
एक अप्रैल से लागू हो जाएगा नया मैन्यू: 
जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी सतबीर सिंह सिवाच ने बताया कि मौलिक शिक्षा निदेशालय द्वारा जारी किया गया मिड डे मील का नया मैन्यू एक अप्रैल से सभी सरकारी विद्यालयों में लागू किया जाएगा। सभी स्कूल मुखियाओं को निर्देश दिए गए हैं कि सप्ताह में चार दिन चावल व 2 दिन गेहूं से बने व्यंजन बनाए जाएंगे। खुद मुखिया बच्चों को भोजन परोसने से पहले उसको चखेगा।                                              dbbhwn

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