कैथल : प्रदेश सरकार ने 27 फरवरी को सरकारी विभागों, बोर्डों और निगमों के कर्मचारियों को नियमित करने का वादा किया था। तीन साल की सेवा पूरी करने वाले कर्मचारियों को इसका लाभ मिलना था। कैथल के बिजली निगम, पब्लिक हेल्थ, स्वास्थ्य विभाग, आईटीआई, पीडब्ल्यूडी, सिंचाई विभाग, बोर्ड और निगमों में कार्यरत कैथल के करीब तीन हजार कर्मचारियों को फायदा होना था। लेकिन सरकार ने घोषणा के एक सप्ताह बाद तक इसका नोटिफिकेशन जारी नहीं किया। कच्चे कर्मचारियों को नियमित करने का मामला अधर में लटक गया। कर्मचारियों को उम्मीद थी कि लोकसभा चुनाव से उन्हें नियमित होने का तोहफा मिल जाएगा। लेकिन सरकार ने ऐसा नहीं किया। जबकि सरकार के पास के पास पांच से छह दिन का समय था। गेस्ट अध्यापकों ने 15 दिन तक दिल्ली जंतर-मंत्र पर भूख हड़ताल की। सीएम भूपेंद्र हुड्डा ने खुद जूस पिलाकर उनकी भूख हड़ताल समाप्त करवाई। लेकिन उन्हें भी सिवाए आश्वासन के कुछ नहीं मिला। गेस्ट अध्यापकों को उम्मीद थी कि उन्हें सामान काम सामान वेतन का तोहफा मिलेगा। लेकिन आचार संहिता लगने से उनकी उम्मीदों पर भी पानी फिर गया। db
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