झज्जर : यवा पीढ़ी को अक्सर यह शिकायत रहती है कि उनका पेपर तो अच्छा हुआ था, लेकिन पड़ताल के दौरान शायद बरती गई किसी लापरवाही के चलते उनके ग्रेड अच्छे नहीं आ पाए हैं। इसी के दृष्टिगत सीबीएससी (केंद्रीय माध्यमिक विद्यालय शिक्षा बोर्ड) की ओर छात्रों की ऐसी ही अहम बातों सहित अन्य पहलूओं पर गौर करते हुए ऑन स्क्रीन मार्किंग सरीखे नये प्रयोग को इस दफा मूल्यांकन के लिए अपनाया है। नये एवं गुणवत्तापूरक प्रयोग करने के लिए अग्रसर रहने वाले बोर्ड की ओर से परंपरागत तरीकों से होने वाली पड़ताल से अपना एक अलग कदम बढ़ाते हुए ऑनलाइन पैट्रन को मूल्यांकन किये जाने के लिए चुना है। जांच के दौरान पारदर्शिता सहित किसी प्रकार की कोई भी त्रुटि नहीं हो इस बात को ध्यान में रखते हुए यह प्रयोग अभी दसवीं कक्षा से प्रारंभ हुआ है। पहली दफा के इन अनुभवों के आधार पर ही बोर्ड द्वारा आगामी कदम अन्य कक्षाओं के लिए उठाया जाएगा।
बोर्ड की इस मुहिम की शुरुआती कड़ी में जिला मुख्यालय पर स्थित पंचकूला रीजन में पडऩे वाले स्कूल डीएच लारेंस वरिष्ठ माध्यमिक को भी जोड़ा गया है। केंद्रीय माध्यमिक विद्यालय शिक्षा बोर्ड की ओर से सेंटर को तैयारियों के संदर्भ भेजे गए पत्र में विशेष तौर पर इस बात का उल्लेख किया गया है कि परंपरागत ढंग से होने वाले मूल्यांकन के चलते यह देखने में आता था कि कई स्थानों पर परीक्षक द्वारा कुछ हिस्सों को बगैर चैक किये ही छोड़ दिया जाता था।
इसके अतिरिक्त जमा-घटा में त्रुटियां, कुल नंबरों को मुख्य शीट पर अंकित करना, शीट तैयार करते हुए नंबरों में त्रुटियां होना सहित अन्य पहलू, जिनको लेकर जांच प्रक्रिया पर सवाल उठाये जाते रहे हैं। dt
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