चंडीगढ़ : वर्ष 2002 में चौटाला शासन काल में नियुक्त 65 एचसीएस अधिकारियों की भर्ती मामले की पैरवी से सरकारी वकील ने इन्कार कर दिया है, जिसके बाद हाई कोर्ट ने मामले की सुनवाई 16 मई तक के लिए स्थगित कर दी है।
पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में बुधवार को केस की सुनवाई के दौरान प्रदेश सरकार ने जस्टिस एसके मित्तल पर आधारित खंडपीठ को यह जानकारी दी। इस मामले पर लगभग एक साल से सुनवाई नहीं हो पा रही। हर तिथि पर सुनवाई स्थगित हो रही थी। सरकार की ओर से पैरवी कर रहे राजू रामचंद्रन सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील हैं। हर सुनवाई पर वह दिल्ली से चंडीगढ़ आते थे। उन्होंने इस आधार पर मना कर दिया कि पिछले एक साल से सुनवाई नहीं हो रही। हर तिथि पर आने से उनका समय खराब होता है तथा सरकार का खर्च होता है। सरकार ने बुधवार को कोर्ट को बताया कि अब केस की पैरवी सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील डॉ. अश्वनी कुमार करेंगे।
कांग्रेस नेता करण सिंह दलाल द्वारा इस भर्ती को चुनौती देने वाली याचिका 2002 में दायर की गई थी। पिछले साल अप्रैल माह में इस मामले पर तत्कालिक चीफ जस्टिस एके सिकरी व जस्टिस आरके जैन पर आधारित खंडपीठ ने सभी पक्षों को सुनने के बाद फैसला रिजर्व कर लिया था, लेकिन सुप्रीम कोर्ट का जज बन जाने के कारण चीफ जस्टिस एके सिकरी ने कोई फैसला नहीं सुनाया और मामले को दोबारा सुनवाई के लगा दिया। dj
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