चंडीगढ़ : हरियाणा सरकार आठवीं कक्षा में बोर्ड परीक्षा पुन: लागू करने के लिए विचार करेगी क्योंकि शिक्षा अधिकार अधिनियम लागू होने से आठवीं तक विद्यार्थियों का सतत मूल्यांकन व फेल न करना अनिवार्य है, जिसके कारण नौवीं व दसवीं कक्षाओं के परीक्षा परिणामों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है।
यह जानकारी विधानसभा में चल रहे बजट सत्र के दौरान शिक्षा मंत्री श्रीमती गीता भुक्कल ने इनेलो के विधायक नरेन्द्र सांगवान द्वारा घरौंड़ा विधानसभा क्षेत्र में स्कूल अपग्रेड करने व दसवीं कक्षा के परिणाम खराब आने को लेकर पूछे गये एक प्रश्न के उत्तर में दी।
चर्चा में जुड़ते हुए इनेलो के अभय सिंह चौटाला ने प्रदेश के 15 स्कूलों का दसवीं कक्षा का परिणाम शून्य आने पर चिंता व्यक्त करते हुए सरकारी से आवश्यक कदम उठाने की बात कहीं, जिस पर शिक्षा मंत्री ने कहा कि यह चिंताजनक विषय है। दसवीं कक्षा का शून्य से 20 प्रतिशत परिणाम आने पर अधिकारियों की जवाबदेही निर्धारित की गई है तथा दूसरे समेस्टर में परिणाम में काफी सुधार हुआ है।
श्रीमती भुक्कल ने इस बात से भी अवगत करवाया कि तीसरी से आठवीं कक्षा के लिए शिक्षा दीक्षा कार्यक्रम शुरू किया गया है। उन्होंने बताया कि षिक्षा का अधिकार अधिनियम एक केन्द्रीय अधिनियम होने के कारण प्रदेश सरकार अपने स्तर पर कुछ नहीं कर सकती लेकिन मुख्यमंत्री श्री भूपेन्द्र सिंह हुड्डा ने केन्द्रीय मानव संसाधन मंत्रालय को पत्र लिखा है और आठवीं का बोर्ड फिर से लागू करने की मांग की है। केन्द्रीय उप समिति की अध्यक्षा होने के कारण उन्होंने स्वयं भी बारे प्रयास किये है क्योंकि बोर्ड खत्म होने से विद्यार्थियों में परीक्षा का भय नहीं रहा है। इस कारण दसवीं का परिणाम प्रभावित हो रहा है।
चर्चा में इनेलो के अशोक अरोड़ा, कांग्रेस की सुमिता सिंह, आनंद सिंह दांगी ने भी हिस्सा लिया।
श्रीमती भुक्कल ने सदन को अवगत करवाया कि घरौंडा विधानसभा क्षेत्र में 13 स्कूलों को अपग्रेड किया गया है और प्रदेष में 207 स्कूल अपग्रेड हुए है। dj
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