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Thursday, 6 March 2014

नहीं मिली नियुक्ति, दायर करेंगे अवमानना याचिका

** वैश्य कालेज में असिस्टेंट प्रोफेसर की भर्ती का मामला
** आवेदकों का आरोप, सभी कार्रवाई और हाईकोर्ट के आदेश के बाद नहीं मिली तैनाती 
रोहतक : हाईकोर्ट के आदेश के बाद भी वैश्य कालेज में असिस्टेंट प्रोफेसर पद पर चयनित होने वाले आवेदकों को तैनाती नहीं दी गई। निर्धारित समय सीमा बीत जाने के बाद भी कोई सकारात्मक पहल न होने के कारण अब आवेदकों ने न्यायालय की अवमानना याचिका दायर करने का मन बनाया है। 
उनका आरोप है कि एक बेबुनियाद और तथ्यहीन शिकायत के आधार पर उनकी ज्वाइनिंग पर रोक लगाई गई थी। ज्वाइनिंग संबंधी हाईकोर्ट के आदेश की सत्यापित कॉपी जमा कराने के बाद भी उन्हें नियुक्ति नहीं दी जा रही है। 
सितंबर 2013 में निकली थी जगह 
वैश्य कालेज में विभिन्न असिस्टेंट प्रोफेसर के दस पदों पर भर्तियां निकाली गई थीं। इनमें केमिस्ट्री, फिजिकल एजुकेशन, कंप्यूटर साइंस, इकोनॉमिक्स, हिंदी विषय शामिल थे। सितंबर माह में चार पदों पर नियुक्ति दे दी गई, जबकि 6 आवेदकों को तैनाती नहीं दी गई। 
आवेदकों को एमडीयू प्रशासन तथा महानिदेशक उच्चतर शिक्षा ने भी सहमति जताते हुए नियुक्ति पत्र जारी करने के निर्देश दिए थे। इसके बाद भी तैनाती न मिलने पर शेष आवेदकों ने कोर्ट की शरण ले ली। 
आवेदकों के हक में हाईकोर्ट ने सुनाया फैसला 
ज्वाइनिंग न होने पर असिस्टेंट प्रोफेसर के आवेदक प्रतिभा (इकोनॉमिक्स), मनीषा(फिजिक्स), विकास चाहर (कंप्यूटर साइंस) तथा मुकेश कुमार (केमिस्ट्री) ने हाईकोर्ट की राह पकड़ी थी। 10 फरवरी को हाईकोर्ट ने अपने आदेशों में उक्त आवेदकों को अप्वाइंटमेंट लेटर इश्यू करने के निर्देश दिए थे। इतना ही नहीं, आवेदकों को सेवा और वरिष्ठता का लाभ देने की बात भी कही। 
कॉपी जमा कराने के बाद भी नहीं हुई ज्वाइनिंग 
प्रतिभा, विकास चाहर, मनीषा व मुकेश कुमार ने 20 फरवरी को वैश्य कालेज प्रिंसिपल के माध्यम से वैश्य संस्था प्रशासक को हाईकोर्ट के आदेश से अवगत कराया। इसके बाद प्रशासक ने आदेश की प्रमाणित कॉपी जमा कराने के निर्देश दिए थे। 25 फरवरी को उक्त आवेदकों ने प्राचार्या के जरिये ही प्रशासक कार्यालय में उच्च न्यायालय के आदेश की प्रति भी जमा करा दी। 
इस सप्ताह इंतजार, फिर अवमानना की याचिका 
आवेदकों का कहना है कि उन्होंने 25 फरवरी के हाईकोर्ट के आदेश की प्रमाणित प्रतिलिपि जमा कराते वक्त 28 फरवरी तक आदेश का इम्प्लीमेंट न होने पर फिर से कोर्ट का दरवाजा खटखटाने की चेतावनी दी थी, लेकिन आज तक कोई कार्रवाई नहीं हुई। उनका कहना है कि एस सप्ताह के भीतर हाईकोर्ट के आदेशानुसार उन्हें ज्वाइनिंग लेटर नहीं दिया गया तो वह फिर प्रशासक व अन्य लोगों के खिलाफ अवमानना की याचिका दायर करेंगे। 
हस्ताक्षर होने बाकी 
"हाईकोर्ट के आदेश के आधार पर अप्वाइंटमेंट लेटर प्रशासक की टेबल पर पहुंचा दिए गए हैं। नियुक्ति पत्र पर प्रशासक के हस्ताक्षर के बाद ही जारी होंगे।"--डॉ.आरके गुप्ता, प्राचार्य, वैश्य कालेज 
"हाईकोर्ट के आदेश की प्रमाणित कॉपी न मिलने के कारण देरी हुई है। दो-तीन दिन पहले कॉपी भी मिल गई है। डॉक्टरी परीक्षण आदि की कुछ औपचारिकताएं होती हैं, जिनमें सप्ताह, दस दिन का समय लगता है। जल्द ही आवेदकों को ज्वाइनिंग लेटर दे दिए जाएंगे।"--डॉ.अमित अग्रवाल, प्रशासक/डीसी                                                         db

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