पंचकूला : सात माह के वेतन और प्राइवेट कंपनी से हटाकर सरकार के अधीन करने की मांग के साथ कई दिनों से धरने पर बैठे कंप्यूटर शिक्षक मंगलवार दोपहर सीएम आवास घेरने चंडीगढ़ निकले। करीब 150 शिक्षकों का काफिला पंचकूला पुलिस से धक्का-मुक्की करके आगे तो बढ़ गई, लेकिन चंडीगढ़ पुलिस ने एफआर लाइट प्वाइंट से आगे घेराबंदी कर उन्हें रोक दिया।
इस दौरान पुलिस के साथ तीखी बहस भी हुई और आखिरकार चंडीगढ़ व पंचकूला पुलिस के अधिकारी आठ शिक्षकों के एक दल को शाम करीब छह बजे सीएम हाउस बातचीत के लिए ले गए, लेकिन वहां भी बातचीत विफल ही रही। वहीं, शिक्षकों के चंडीगढ़ कूच के कारण पंचकूला के सिंह द्वार से ट्रैफिक को करीब 20 मिनट डायवर्ट करना पड़ा। शिष्टमंडल को भेजने के बाद पुलिस ने बाकी शिक्षकों को फुटपाथ पर बैठा दिया और वह एफआर लाइट प्वाइंट पर ही इंतजार करते रहे। शिष्टमंडल के वापस आने के बाद शिक्षकों ने बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलने पैदल मार्च करके दिल्ली जाने का निर्णय लिया।
कंप्यूटर शिक्षक दोपहर करीब तीन बजे शिक्षा सदन के बाहर से चंडीगढ़ के लिए बढ़े। इस दौरान पंचकूला पुलिस ने रोका और एक दल की उच्च अधिकारियों से मुलाकात कराने की बात कही, लेकिन शिक्षक नहीं माने। इसके बाद चंडीगढ़ पुलिस को सूचना दी गई और हाउसिंग बोर्ड चौक पर चंडीगढ़ पुलिस ने बेरिकेडिंग कर दी, लेकिन शिक्षकों ने रास्ता बदल लिया और सेक्टर-8 व 17 के रास्ते जाने के बजाय मनसा देवी वाले रास्ते से चल पड़े। वे सिंह द्वार के सामने से होते हुए एफआर प्वाइंट तक पहुंच गए और चंडीगढ़ पुलिस ने उन्हें यहीं रोक दिया।
"कंप्यूटर टीचर्स को आउटसोर्सिंग से मुक्त करवाने और शिक्षा विभाग के अधीन लाने की मांग पर ही संघर्ष किया जा रहा है। कई अध्यापकों को करीब सात महीने से तनख्वाह नहीं मिली है।"-- बलराम सिंह, प्रधान, हरियाणा कंप्यूटर टीचर्स वेलफेयर एसोसिएशन au
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CTWA Jindabad
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